
#सिमडेगा #फुटबॉल : उमेश ब्रदर राउरकेला ने कमांडो ब्रदर रांची को हराकर खिताब अपने नाम किया, विधायकों ने खिलाड़ियों को दी शुभकामनाएं
- राउरकेला की टीम ने फाइनल में 1-0 से जीत दर्ज की।
- मुकाबला उमेश ब्रदर राउरकेला बनाम कमांडो ब्रदर रांची के बीच खेला गया।
- विधायक नमन विक्सल कोनगाड़ी, भूषण बाड़ा और सुदीप गुड़िया रहे मौजूद।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम ने माहौल को और रोमांचक बनाया।
- जनप्रतिनिधियों ने खेल को अनुशासन, भाईचारा और करियर से जोड़ा।
सिमडेगा के ठेठाईटांगर मैदान में रविवार को आयोजित डॉ एपीजे अब्दुल कलाम फुटबॉल टूर्नामेंट का फाइनल पूरे जोश और रोमांच के साथ संपन्न हुआ। फाइनल में उमेश ब्रदर राउरकेला और कमांडो ब्रदर रांची की टीमें आमने-सामने हुईं, जिसमें कड़े संघर्ष के बाद राउरकेला की टीम ने 1-0 से जीत हासिल कर खिताब अपने नाम किया। इस अवसर पर मैदान दर्शकों से खचाखच भरा था और हर गोल पर तालियों की गड़गड़ाहट गूँज रही थी।
खिलाड़ियों की मेहनत और जज़्बे को मिली सराहना
फाइनल मैच को लेकर खिलाड़ियों और दर्शकों दोनों में खासा उत्साह देखने को मिला। मुकाबले में दोनों टीमों ने शानदार खेल का प्रदर्शन किया लेकिन निर्णायक पल में राउरकेला ने बढ़त बना ली। यह जीत उनके अनुशासन और मेहनत का परिणाम साबित हुई।
विधायकों ने खेल को समाज की शक्ति बताया
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में विधायक नमन विक्सल कोनगाड़ी, विधायक भूषण बाड़ा और विधायक सुदीप गुड़िया उपस्थित रहे। सभी ने खिलाड़ियों के जज़्बे की सराहना करते हुए खेल को युवाओं के जीवन की दिशा और समाज की ताकत बताया।
नमन विक्सल कोनगाड़ी (विधायक):
“खेल समाज को जोड़ता है और युवाओं को सही दिशा दिखाता है। डॉ अब्दुल कलाम जैसे महान व्यक्तित्व के नाम पर टूर्नामेंट होना प्रेरणा की बात है।”भूषण बाड़ा (विधायक):
“सिमडेगा की धरती खेलों की पहचान रखती है। हमें खिलाड़ियों को बेहतर मैदान और संसाधन उपलब्ध कराना चाहिए ताकि वे देश का नाम रोशन करें।”सुदीप गुड़िया (विधायक):
“खेल केवल जीत-हार नहीं, बल्कि यह युवाओं को नशे और बुरी आदतों से दूर कर करियर की ओर बढ़ाता है। गाँव-गाँव की प्रतिभा को आगे लाना हमारी जिम्मेदारी है।”
सांस्कृतिक कार्यक्रम ने बढ़ाया उत्साह
फुटबॉल मुकाबले के साथ-साथ रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया, जिसने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। मौके पर बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, अधिकारी और खेल प्रेमी मौजूद रहे। इस टूर्नामेंट ने न केवल खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर दिया बल्कि सिमडेगा की खेल संस्कृति को भी और मजबूत किया।

न्यूज़ देखो: खेल से बनता है समाज का मजबूत भविष्य
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम फुटबॉल टूर्नामेंट का फाइनल साबित करता है कि गाँवों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। जरुरत है केवल सही मंच और प्रोत्साहन की। खेल युवाओं को दिशा देने, समाज को जोड़ने और देश का गौरव बढ़ाने की सबसे बड़ी ताकत है।
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खेलों से जुड़ो सपनों को सच करो
आज सिमडेगा के बच्चों और युवाओं ने जोश और मेहनत से यह साबित कर दिया कि खेल केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि भविष्य की नई संभावनाओं का रास्ता है। अब समय है कि हम सब खेलों को बढ़ावा दें और युवाओं को उनके सपनों की उड़ान दें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि खेलों की यह ऊर्जा हर घर तक पहुंचे।