
#सिमडेगा #शिक्षा_सम्मान : बोध गया में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए हुआ सम्मान
- संत जेवियर कॉलेज, सिमडेगा के प्राध्यापक डॉ. जयन्त कुमार कश्यप को मिला राष्ट्रीय स्तर का सम्मान।
- आचार्यकुल के तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में प्रदान किया गया सारस्वत कर्मयोगी सम्मान 2025।
- सम्मान आचार्य (डॉ.) धर्मेन्द्र एवं राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्या ममता कुमारी ने संयुक्त रूप से दिया।
- अंतरविषयक समावेशी शिक्षण दृष्टि और भारतीय ज्ञान परंपरा के समावेशन हेतु किया गया चयन।
- पुस्तकों, लेखों, व्याख्यानों और जनोन्मुखी शैक्षणिक कार्यों को बनाया गया सम्मान का आधार।
संत जेवियर कॉलेज, सिमडेगा के प्राध्यापक डॉ. जयन्त कुमार कश्यप को शिक्षा के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सारस्वत कर्मयोगी सम्मान 2025 से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान संत विनोबा भावे द्वारा स्थापित अंतरराष्ट्रीय संस्था आचार्यकुल के तत्वावधान में बोध गया में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान प्रदान किया गया।
सम्मान समारोह में आचार्यकुल के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य (डॉ.) धर्मेन्द्र (पूर्व कुलपति) एवं राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्या ममता कुमारी ने संयुक्त रूप से डॉ. कश्यप को यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान किया। यह उपलब्धि न केवल उनके व्यक्तिगत शैक्षणिक कार्यों की पहचान है, बल्कि झारखंड के शैक्षणिक जगत के लिए भी गौरव का विषय है।
शिक्षा के प्रति समर्पण का मिला सम्मान
डॉ. जयन्त कुमार कश्यप को यह सम्मान उनकी अंतरविषयक एवं समावेशी शिक्षण दृष्टि, शिक्षा को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाने के प्रयासों तथा भारतीय ज्ञान परंपरा को आधुनिक शिक्षण पद्धति से जोड़ने के लिए प्रदान किया गया है। शिक्षा को केवल अकादमिक विषय तक सीमित न रखते हुए उसे सामाजिक सरोकारों से जोड़ने की उनकी सोच को निर्णायक मंडल ने विशेष रूप से सराहा।
उनकी प्रकाशित पुस्तकों, समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में प्रकाशित शोधपरक लेखों तथा विभिन्न मंचों पर दिए गए व्याख्यानों के आधार पर उन्हें इस सम्मान के लिए चयनित किया गया।
अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में देश-विदेश के शिक्षाविद
आचार्यकुल का यह तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 16 से 18 दिसंबर 2025 तक आयोजित किया गया, जिसका उद्घाटन विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. चंद्रभूषण शर्मा ने किया। सम्मेलन में देश-विदेश से आए शिक्षाविदों, समाजसेवियों, साहित्यकारों और कलाकारों ने भाग लिया।
इस अवसर पर डॉ. जंगबहादुर पाण्डेय, डॉ. रामजी यादव, डॉ. चमन सिंह, झारखंड राज्य आचार्यकुल के उपाध्यक्ष डॉ. वासुदेव प्रसाद, महामंत्री डॉ. ओमप्रकाश, डॉ. सुबोध कुमार, डॉ. नीतू सिंह, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. जयंत मिश्रा, डॉ. रवि कुमार सिंह सहित बड़ी संख्या में विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के शिक्षाविद, पत्रकार, कवि एवं कलाकार उपस्थित रहे।
शैक्षणिक जगत में खुशी की लहर
डॉ. जयन्त कुमार कश्यप को यह सम्मान मिलने से संत जेवियर कॉलेज, सिमडेगा सहित पूरे शैक्षणिक समुदाय में खुशी की लहर है। सहकर्मियों और विद्यार्थियों ने इसे शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर मेहनत और नवाचार का प्रतिफल बताया।

न्यूज़ देखो: शिक्षा के क्षेत्र में झारखंड का बढ़ता सम्मान
डॉ. जयन्त कुमार कश्यप को मिला यह सम्मान इस बात का प्रमाण है कि झारखंड के शिक्षाविद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी अलग पहचान बना रहे हैं। शिक्षा में भारतीय ज्ञान परंपरा और आधुनिक दृष्टि का समन्वय आज समय की मांग है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
शिक्षा और समाज के लिए प्रेरणा
आपका क्या मानना है—क्या शिक्षा में भारतीय ज्ञान परंपरा का समावेशन जरूरी है? अपनी राय कमेंट में साझा करें और इस प्रेरणादायक खबर को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं।





