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छिपादोहर में ट्रैक्टर पलटने से चालक की मौत, 4 घंटे बाद कीचड़ से निकला शव

#लातेहार #दुर्घटना : खेत की दलदल में पलटे ट्रैक्टर ने ली युवक की जान — 4 घंटे बाद निकाला गया शव

खेत में हुआ दर्दनाक हादसा, ट्रैक्टर फंसने के बाद बिगड़ा संतुलन

गुरुवार की देर रात लातेहार जिले के छिपादोहर थाना क्षेत्र अंतर्गत केड (कारीमाटी) गांव में एक युवक की खेत में ट्रैक्टर पलटने से मौत हो गई। मृतक की पहचान चंदन सिंह के रूप में हुई है, जो पेशे से ट्रैक्टर चालक था और स्थानीय एक किसान की खेत की जुताई कर रहा था। जुताई के दौरान खेत में अत्यधिक दलदल होने के कारण ट्रैक्टर अचानक फंस गया

ट्रैक्टर निकालते समय फिसला नियंत्रण

ग्रामीणों ने बताया कि ट्रैक्टर फंसने के बाद चंदन सिंह ने उसे बाहर निकालने का प्रयास किया। इस दौरान ट्रैक्टर का संतुलन बिगड़ गया और वह पलट गया, जिससे चंदन सिंह ट्रैक्टर के नीचे दब गया और कीचड़ में फंसकर उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हादसा इतना अचानक हुआ कि आसपास मौजूद लोग तुरंत मदद नहीं कर सके।

4 घंटे तक चला राहत अभियान, तब तक हो चुकी थी मौत

घटना के बाद गांव में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने तत्काल बचाव कार्य शुरू किया, लेकिन खेत का क्षेत्र दलदली होने के कारण ट्रैक्टर तक पहुंचना बेहद मुश्किल था। लोगों ने लगातार चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद चंदन का शव कीचड़ से बाहर निकाला, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।

ग्रामवासी सुरेश भगत ने बताया: “घटना रात करीब 10 बजे की है, हम सभी गांववाले पहुंचे और बचाव कार्य में लगे, लेकिन ट्रैक्टर पूरी तरह कीचड़ में धंसा हुआ था। जब तक शव निकाला गया, चंदन की सांसें थम चुकी थीं।”

पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा

सूचना मिलते ही छिपादोहर थाना प्रभारी धीरज कुमार सिंह दल-बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए लातेहार भेजा और घटना की विधिवत जांच शुरू कर दी है। इस दर्दनाक हादसे से गांव में शोक की लहर है, चंदन सिंह के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है

थाना प्रभारी धीरज कुमार सिंह ने कहा: “हादसा खेत में जुताई के दौरान ट्रैक्टर पलटने से हुआ। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।”

न्यूज़ देखो: खेत की सुरक्षा व्यवस्था की अनदेखी भारी पड़ी

यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि खेती जैसे कार्यों में भी सुरक्षा के उपाय क्यों नहीं अपनाए जाते। खेतों में दलदल जैसे खतरनाक क्षेत्रों में ट्रैक्टर का संचालन करते वक्त बचाव उपाय या तकनीकी सहयोग जरूरी है। यदि समय रहते पर्याप्त संसाधन होते, तो शायद चंदन सिंह की जान बचाई जा सकती थी। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

जिम्मेदारी और सावधानी की है जरूरत

ऐसी घटनाएं हमें यह सिखाती हैं कि सावधानी और सतर्कता ही जीवन की सबसे बड़ी सुरक्षा है। हम सबको चाहिए कि ग्रामीण कार्यों में भी सुरक्षा को प्राथमिकता दें। इस खबर को अपने गांव-समाज के लोगों तक पहुंचाएं, कॉमेंट करें, साझा करें और जागरूकता फैलाएं — यही एक सजग नागरिक की पहचान है।

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