
#लातेहार #रेल_सुरक्षा : बेतला नेशनल पार्क के पास केचकी स्टेशन पर फुट ओवर ब्रिज न होने से यात्रियों को प्लेटफार्म बदलने के लिए रेल लाइन पार करनी पड़ रही है
- केचकी रेलवे स्टेशन में दो प्लेटफार्म हैं, फुट ओवर ब्रिज नहीं।
- यात्री अपने जीवन को जोखिम में डालकर प्लेटफार्म बदलते हैं।
- महिला और बच्चों सहित यात्रियों के लिए रेल लाइन पार करना खतरे से खाली नहीं।
- स्थानीय लोगों ने बताया कि पहले भी कई यात्री रेल की चपेट में आ चुके हैं।
- रेलयात्री संघर्ष समिति के अध्यक्ष फौजदार सिंह ने चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी दी।
- स्टेशन प्रभारी मनीष केरकेट्टा ने आवेदन उच्चाधिकारियों को भेजे।
बेतला नेशनल पार्क से सटे केचकी रेलवे स्टेशन पर फुट ओवर ब्रिज का निर्माण न होने से यात्रियों को गंभीर सुरक्षा खतरा है। स्टेशन में अप और डाउन ट्रेनों के लिए दो प्लेटफार्म हैं। लेकिन फुट ओवर ब्रिज के अभाव में यात्रियों को प्लेटफार्म बदलने के लिए रेल लाइन पार करनी पड़ती है। इससे कभी भी व्यापक हादसे की संभावना बनी रहती है। विशेषकर, जब बीच लाइन में मालगाड़ी खड़ी हो या पैसेंजर ट्रेन के आने का समय हो, महिला और बच्चों सहित यात्रियों के लिए यह प्रक्रिया और भी जोखिमपूर्ण बन जाती है।
यात्रियों के अनुभव और पहले हुए हादसे
स्थानीय लोगों ने बताया कि प्लेटफार्म नंबर एक से दो तक जाने के दौरान पहले भी कई लोग रेल की चपेट में आ चुके हैं। कई यात्री गंभीर रूप से घायल हुए और कुछ अपनी जान गंवा चुके हैं। इसके कारण स्टेशन पर रोजाना यात्रा करने वाले लोग भयभीत रहते हैं और हर पल दुर्घटना का डर बना रहता है।
रेलयात्री संघर्ष समिति के अध्यक्ष फौजदार सिंह ने कहा: “केचकी स्टेशन पर फुट ओवर ब्रिज निर्माण के लिए कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों और रेल प्रबंधन अधिकारियों को आवेदन दिया गया, लेकिन अब तक किसी ने सार्थक कदम नहीं उठाया। अब लोगों में रेल प्रबंधन और जनप्रतिनिधियों के प्रति नाराजगी बढ़ती जा रही है। हम जल्द ही चरणबद्ध आंदोलन शुरू करेंगे।”
प्रशासन की प्रतिक्रिया
केचकी स्टेशन के एसएम मनीष केरकेट्टा ने बताया कि यात्रियों और स्थानीय लोगों द्वारा दिए गए आवेदन विभागीय उच्चाधिकारियों को अग्रसारित कर दिए गए हैं। अधिकारी इस मामले में आवश्यक पहल के लिए तैयार हैं, लेकिन अभी तक फुट ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है।
एसएम मनीष केरकेट्टा ने कहा: “हमने यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आवेदन उच्चाधिकारियों को भेज दिए हैं और उम्मीद है कि जल्द ही इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।”
न्यूज़ देखो: फुट ओवर ब्रिज की कमी यात्रियों के लिए गंभीर खतरा
केचकी स्टेशन का मामला दर्शाता है कि अगर सुरक्षा उपाय समय पर नहीं किए गए, तो यात्रियों की जान जोखिम में पड़ सकती है। यह मुद्दा प्रशासन और रेल प्रबंधन के लिए गंभीर चेतावनी है कि यात्रियों की सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए।
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यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य
रेल यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए सभी नागरिकों और अधिकारियों को सक्रिय भूमिका निभानी होगी। प्लेटफार्म बदलने के लिए रेलवे लाइन पार करने जैसी जोखिमपूर्ण परिस्थितियों को जल्द समाप्त करें। अपने अनुभव साझा करें, इस खबर को सोशल मीडिया पर साझा करें और रेल सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाएँ। कमेंट में सुझाव दें और सक्रिय बनें।