
#सिमडेगा #मानवताकीमिसाल : भटकी हुई नाबालिग बच्ची को पुलिस और सामाजिक सहयोग से सुरक्षित उसके घर पहुंचाया गया, परिजनों ने जताया आभार।
- सिमडेगा थाना पुलिस ने बच्ची को केलाघाघ से सुरक्षित थाना लाया।
- बच्ची की पहचान बसिया थाना क्षेत्र, ईटाम पोढ़ा टोली निवासी के रूप में हुई।
- थाना प्रभारी ने मामले की सूचना फिरोज अली को दी।
- झामुमो केंद्रीय समिति सदस्य फिरोज अली ने बच्ची के परिजनों का पता लगाया।
- बच्ची को घर पहुंचाकर परिजनों को सौंपा गया, परिवार ने जताया आभार।
सिमडेगा थाना पुलिस की तत्परता और झामुमो केंद्रीय समिति सदस्य फिरोज अली की मानवीय पहल से भटकी हुई नाबालिग बच्ची सुरक्षित अपने घर पहुंच गई। यह बच्ची बसिया थाना क्षेत्र के ईटाम पोढ़ा टोली की निवासी सुमित्रा कुमारी पिता मोनु लोहार है, जो रास्ता भटककर सिमडेगा पहुंच गई थी। केलाघाघ क्षेत्र में बच्ची को देखने के बाद पुलिस ने उसे थाने ले जाकर उसके परिजनों का पता लगाने की कोशिश शुरू की।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
सिमडेगा थाना पुलिस ने जैसे ही बच्ची को अकेले देखा, उसे सुरक्षित थाना लाया और पूछताछ कर जानकारी एकत्र की। पुलिस ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि बच्ची अपने परिवार तक सुरक्षित पहुंचे, हर स्तर पर गंभीरता दिखाई।
फिरोज अली की भूमिका
थाना प्रभारी ने मामले की जानकारी झामुमो केंद्रीय समिति सदस्य फिरोज अली को दी। सूचना मिलते ही फिरोज अली तुरंत सिमडेगा थाना पहुंचे और बच्ची के घर का पता लगाकर उसे परिजनों तक पहुंचाने की व्यवस्था की। उनकी इस त्वरित पहल से बच्ची सुरक्षित घर पहुंच सकी।
फिरोज अली ने कहा: “यह समाज की जिम्मेदारी है कि किसी भी जरूरतमंद या संकटग्रस्त बच्चे को सुरक्षित घर पहुंचाने में हम सब मदद करें।”
परिजनों की भावुक प्रतिक्रिया
जब बच्ची अपने घर पहुंची तो परिजन भावुक हो उठे। उन्होंने इस नेक कार्य के लिए फिरोज अली और सिमडेगा थाना पुलिस का दिल से आभार व्यक्त किया। परिजनों का कहना था कि अगर पुलिस और फिरोज अली समय पर मदद नहीं करते तो बच्ची के साथ कोई अप्रिय घटना हो सकती थी।
न्यूज़ देखो: पुलिस और समाज की साझी जिम्मेदारी
यह घटना दिखाती है कि प्रशासन और समाज के आपसी सहयोग से ही सुरक्षा और संवेदनशीलता की मिसाल कायम होती है। सिमडेगा पुलिस की तत्परता और फिरोज अली की सक्रियता ने एक परिवार को राहत और सुरक्षा का एहसास दिलाया है।
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संवेदनशीलता से बनती है सुरक्षित समाज की नींव
इस घटना से सबक लेने की जरूरत है कि हर नागरिक को संवेदनशील और जागरूक रहना चाहिए। अगर कहीं कोई बच्चा या महिला संकट में दिखे तो तुरंत पुलिस या जिम्मेदार लोगों को सूचना दें। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और समाज में सुरक्षा और सहयोग का संदेश फैलाएं।