दुमका: अनाथ बच्चों और यक्ष्मा रोगियों के बीच नव वर्ष की शुरुआत

घटना के मुख्य बिंदु

नव वर्ष का अनूठा जश्न

नव वर्ष के अवसर पर मिशनरीज ऑफ चैरिटी, दुमका में अनाथ बच्चों और यक्ष्मा रोगियों के बीच दिन बिताकर नए साल की शुरुआत की गई। इन अनाथ बच्चों, जिन्हें देवदूत कहा गया, के साथ समय बिताना और उनकी खुशियों में शामिल होना, एक अद्भुत अनुभव था।

अनाथ बच्चों के साथ समय बिताने का महत्व

अनाथ बच्चे ईश्वर के विशेष आशीर्वाद माने जाते हैं, और उनके साथ बिताया गया समय जीवन को गहराई से समझने और आत्मिक शांति पाने का माध्यम बनता है। मिशनरीज ऑफ चैरिटी में इस नेक कार्य ने नव वर्ष को और भी खास बना दिया।

यक्ष्मा रोगियों के साथ सेवा का भाव

यक्ष्मा जैसे गंभीर रोग से जूझ रहे लोगों के बीच अपनी सेवा प्रस्तुत करना और उनका साथ देना, मानवीयता और दया का सर्वोत्तम उदाहरण है। इस अवसर ने उनकी जिंदगी में भी एक नई उम्मीद का संचार किया।

‘न्यूज़ देखो’ का संदेश: इस नव वर्ष, दूसरों की मदद कर उनकी जिंदगी को संवारने का प्रयास करें। मानवता का यह भाव हमें एक बेहतर समाज की ओर ले जाता है। ‘न्यूज़ देखो’ से जुड़े रहें और प्रेरणादायक कहानियों के लिए हमारे साथ बने रहें।

Exit mobile version