- 21 फरवरी से दुमका में हिजला मेला महोत्सव का आयोजन।
- स्मारिका के लिए बैठक में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विषयों पर चर्चा।
- 31 जनवरी तक विभिन्न भाषाओं में रचनाएं आमंत्रित।
हिजला मेला महोत्सव की तैयारियां
दुमका: मयुराक्षी नदी के तट पर 21 फरवरी से राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर मेला की स्मारिका प्रकाशित करने के लिए उपनिदेशक जनसंपर्क रोहित मंडुलना की अध्यक्षता में एक बैठक सूचना भवन में आयोजित की गई। बैठक में स्मारिका के विषय और उद्देश्य पर चर्चा हुई।
स्मारिका की विषयवस्तु
स्मारिका समिति ने निर्णय लिया कि इस बार प्रकाशित होने वाली स्मारिका हिजला मेला के इतिहास, संपूर्ण संताल परगना की सांस्कृतिक धरोहर और परंपरा पर आधारित होगी। स्मारिका में साहित्य, कला, संगीत, लोकनृत्य, पारंपरिक खान-पान, हस्तशिल्प, ऐतिहासिक पर्यटन स्थल, आदिवासी पर्व-त्योहार जैसे विषयों को शामिल किया जाएगा।
रचनाओं के लिए आमंत्रण
स्मारिका हेतु साहित्यकारों, कलाकारों और लेखकों से विभिन्न विषयों पर रचनाएं आमंत्रित की गई हैं। रचनाएं हिंदी, संताली, अंग्रेजी, बंगला, ओड़िया, और उर्दू भाषाओं में भेजी जा सकती हैं। सभी रचनाओं को 31 जनवरी तक जिला जनसंपर्क कार्यालय में सॉफ्टकॉपी के रूप में जमा करना होगा।
महत्वपूर्ण सुझाव और उद्देश्य
बैठक में समिति के सदस्यों ने हिजला मेला को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के सुझाव दिए। यह स्मारिका संताल परगना के लोगों के लिए न केवल ज्ञानवर्धक होगी, बल्कि उनकी संस्कृति और परंपरा की झलक भी प्रस्तुत करेगी।
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