![%E0%A4%AE%E0%A4%A8%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%97%E0%A4%BE %E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%9C%E0%A4%A8%E0%A4%BE %E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82 %E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80 %E0%A4%97%E0%A4%A1%E0%A4%BC%E0%A4%AC%E0%A4%A1%E0%A4%BC%E0%A5%80 %E0%A4%B8%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80 %E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B6%E0%A4%BF %E0%A4%95%E0%A5%80 %E0%A4%B2%E0%A5%82%E0%A4%9F %E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80](https://i0.wp.com/newsdekho.co.in/media/2025/02/%E0%A4%AE%E0%A4%A8%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%97%E0%A4%BE-%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%9C%E0%A4%A8%E0%A4%BE-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%97%E0%A4%A1%E0%A4%BC%E0%A4%AC%E0%A4%A1%E0%A4%BC%E0%A5%80-%E0%A4%B8%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B6%E0%A4%BF-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%B2%E0%A5%82%E0%A4%9F-%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80.jpg?resize=720%2C398&ssl=1?v=1739273226)
- राजसीमरिया पंचायत में मनरेगा योजना में लूट-खसोट का मामला उजागर।
- बागवानी योजना के लिए स्वीकृत ₹3,93,567 की राशि का दुरुपयोग।
- योजनाओं की फर्जी निकासी, लाभुकों को नहीं मिला कोई लाभ।
- सरकारी कर्मियों और बिचौलियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार का खेल जारी।
- ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की।
बागवानी योजना में फर्जीवाड़ा
दुमका जिले के जरमुंडी प्रखंड के राजसीमरिया पंचायत में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में घोटाले का मामला सामने आया है। ग्राम मटकरा में बागवानी योजना के नाम पर सरकारी राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है।
वर्ष 2023-24 में लालवा मरांडी, रसिका मरांडी और बेटका मरांडी की जमीन पर बागवानी विकसित करने के लिए ₹3,93,567 की राशि स्वीकृत की गई थी। लेकिन मौके पर केवल ट्रेंच कटिंग का काम ही नजर आ रहा है। पूरी जमीन पर घास और झाड़ियां उगी हुई हैं, जबकि सरकारी रिकॉर्ड में योजना पूरी बताई जा रही है।
योजनाओं की फर्जी निकासी
योजना के तहत अब तक ₹1,74,749 की निकासी हो चुकी है:
- योजना संख्या: 3411003022/IF/7080902556711 – ₹44,168
- योजना संख्या: 3411003022/IF/7080902556714 – ₹73,408
- योजना संख्या: 3411003022/IF/7080902556716 – ₹57,173
हालांकि, मौके पर कोई कार्य नहीं दिख रहा। बागवानी के नाम पर सरकारी राशि को कागजों में हेरफेर कर निकाल लिया गया है, जबकि लाभुकों को इसका कोई लाभ नहीं मिला।
भ्रष्टाचार में शामिल सरकारी कर्मी और बिचौलिये
स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि इस लूट-खसोट में सरकारी विभाग के कर्मचारी और बिचौलिये शामिल हैं। प्रशासन से मिलीभगत के कारण बिना कोई वास्तविक काम किए ही भुगतान जारी कर दिया जाता है।
एक ग्रामीण ने कहा, “मनरेगा के नाम पर हम लोगों को ठगा जा रहा है। सरकारी अधिकारी सिर्फ कागजों में योजनाएं पूरी दिखाकर पैसे निकाल रहे हैं।”
लाभुकों को नहीं मिल रहा योजना का लाभ
राजसीमरिया पंचायत में भ्रष्टाचार चरम पर है। मनरेगा योजना का सही लाभ जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पा रहा, जबकि संबंधित अधिकारी मौन बने हुए हैं।
ग्रामीणों की मांग – हो निष्पक्ष जांच
स्थानीय ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से योजनाओं की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो ग्रामीण आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
न्यूज़ देखो
झारखंड में हो रहे घोटालों और जनसमस्याओं से जुड़ी हर खबर के लिए जुड़े रहें ‘न्यूज़ देखो’ के साथ। हम आपको सबसे सटीक और विश्वसनीय खबरें पहुंचाने का वादा करते हैं।