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- मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना में अनियमितताओं का मामला सामने आया।
- रांगालिया और बिलकांदी पंचायतों में जांच के लिए विशेष समिति का गठन।
- बीडीओ राजेश कुमार सिन्हा ने 31 जनवरी को प्रज्ञा केंद्रों का औचक निरीक्षण किया।
- 18 साल से कम उम्र के आवेदकों के आधार कार्ड में छेड़छाड़ की आशंका।
- समिति को एक सप्ताह में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश।
औचक निरीक्षण में सामने आई अनियमितताएं:
31 जनवरी को बीडीओ राजेश कुमार सिन्हा ने रांगालिया और बिलकांदी पंचायतों के प्रज्ञा केंद्रों का निरीक्षण किया। इस दौरान रांगालिया पंचायत में मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत 25 आवेदन पत्र मिले, जिनमें से 24 के पास प्राप्ति रसीद थी।
हालांकि, जांच में दो ऐसे आवेदन मिले जिनके आवेदक 18 वर्ष से कम उम्र के थे। इससे आधार कार्ड में छेड़छाड़ कर ऑनलाइन प्रविष्टि करने की आशंका जताई गई। इसके अलावा, एक महिला के दस्तावेज का उपयोग कर किसी अन्य व्यक्ति के नाम से आवेदन किए जाने का संदेह भी सामने आया।
बिलकांदी पंचायत में भी मिली गड़बड़ियां:
बिलकांदी पंचायत में भी इसी तरह की अनियमितताएं दर्ज की गईं। यहां 24 आवेदन पत्र पाए गए, जिनमें से एक ही आवेदक के दो आवेदन प्रस्तुत किए गए। इतनी बड़ी संख्या में आवेदन पत्रों का प्रज्ञा केंद्र में संकलन संदेहास्पद प्रतीत हुआ, जिससे मामले की गहन जांच आवश्यक हो गई।
विशेष जांच समिति का गठन:
मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने रांगालिया और बिलकांदी पंचायतों में जांच के लिए दो विशेष समितियों का गठन किया।
रांगालिया पंचायत की जांच समिति में शामिल अधिकारी:
- प्रभारी बीपीआरओ – कुमार सत्येंद्र
- बाल विकास परियोजना की महिला पर्यवेक्षिका – बुलु रानी घोष
- धानभाषा पंचायत सचिव – हरिसाधन दत्त
- रांगालिया पंचायत सचिव – हरिनारायण सिंह
- कंप्यूटर ऑपरेटर – सुखंदु हाजरा
बिलकांदी पंचायत की जांच समिति में शामिल अधिकारी:
- प्रभारी बीपीआरओ – कुमार सत्येंद्र
- बाल विकास परियोजना की महिला पर्यवेक्षिका – बुलु रानी घोष
- गोबिंदपुर पंचायत सचिव – दीप्ति दास
- बिलकांदी पंचायत सचिव – पुष्पेन मिश्रा
- कंप्यूटर ऑपरेटर – सुखंदु हाजरा
समिति को जांच के लिए दिए गए निर्देश:
समिति को विशेष रूप से पांच बिंदुओं पर जांच करने का निर्देश दिया गया है:
- प्रज्ञा केंद्र संचालक द्वारा आवेदन पत्रों को केंद्र में रखने की मंशा क्या थी?
- आवेदन करने वाले पात्रता की कसौटी पर खरे उतरते हैं या नहीं?
- आवेदन पत्र ऑनलाइन किए गए थे या नहीं? यदि हां, तो पंचायत सचिव के पास जमा क्यों नहीं किए गए?
- 18 वर्ष से कम उम्र के आवेदकों के आधार कार्ड में बदलाव क्यों और किस उद्देश्य से किया गया?
- संभावित दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जानी चाहिए?
समिति को एक सप्ताह के भीतर अपनी विस्तृत रिपोर्ट संबंधित प्रखंड प्रशासन को सौंपनी होगी ताकि आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
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