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दुमका में मातृ वंदना योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा: महिला पर्यवेक्षक की आईडी से 1916 फर्जी लाभुकों की एंट्री

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#दुमका #सरकारी_योजना_धांधली : बाल विकास विभाग की महिला पर्यवेक्षकों की लॉगिन आईडी से छेड़छाड़ कर फर्जी एंट्री, प्रशासन ने शुरू की उच्चस्तरीय जांच

  • 1916 फर्जी लाभार्थियों की एंट्री के मामले में महिला पर्यवेक्षक की आईडी का हुआ दुरुपयोग
  • एसडीओ के नेतृत्व में बनी जांच टीम, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी
  • एफआईआर दर्ज, IT एक्ट की धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया
  • जिला मुख्यालय से मिली जानकारी के बाद मामला आया सामने
  • जांच के लिए पुलिस की टेक्निकल टीम और फील्ड वेरिफिकेशन टीम सक्रिय
  • फर्जी लाभुकों की सूची खंगाल रही टीम, मोबाइल नंबरों की हो रही ट्रैकिंग

फर्जीवाड़े का खुलासा और प्रशासनिक हलचल

दुमका जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जहां महिला पर्यवेक्षकों की लॉगिन आईडी से छेड़छाड़ कर 1916 फर्जी लाभार्थियों की ऑनलाइन एंट्री और सत्यापन किया गया। यह मामला तब उजागर हुआ जब महिला पर्यवेक्षक सुशीला कुमारी और हेमलता कुमारी ने लॉगिन न होने की शिकायत की और शिकारीपाड़ा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई।

फर्जी लाभुकों की एंट्री का पैटर्न

प्राथमिकी में बताया गया है कि 8 अप्रैल से 17 अप्रैल तक लाभुकों की एंट्री और सत्यापन बिना उनकी जानकारी के होता रहा। आईडी में पंजीकृत मोबाइल नंबर बदलकर, इन लाभार्थियों की सूची अपलोड की गई और मंजूरी के लिए फॉरवर्ड किया गया।

“हमारी लॉगिन आईडी से बिना अनुमति के लाभुकों की एंट्री और सत्यापन हो रहा था। हमसे जुड़ी सेविकाओं ने भी कई दिनों से अपनी आईडी एक्सेस नहीं की थी।”
सुशीला कुमारी (महिला पर्यवेक्षक)

जांच टीम का गठन और तकनीकी पहल

एसडीओ कौशल कुमार के नेतृत्व में गठित जांच टीम में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अंजू कुमारी, बीडीओ एजाज आलम, सीओ कपिल देव ठाकुर और थाना प्रभारी अमित लकड़ा शामिल हैं। इस टीम ने तुरंत घटनाक्रम का गहराई से अध्ययन कर जांच शुरू की।

टीम अब उन मोबाइल नंबरों को खंगाल रही है जिनसे फर्जी एंट्री की गई। साथ ही, फील्ड में जाकर भौतिक सत्यापन करने की भी तैयारी है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कौन वास्तविक लाभार्थी है और कौन फर्जी।

IT एक्ट के तहत मामला दर्ज, दोषियों पर शिकंजा

शिकारीपाड़ा थाना में दर्ज एफआईआर में भारतीय न्याय संहिता की धारा 336(2)(3), 337 और IT एक्ट की धारा 66(C) व 66(D) को शामिल किया गया है।

“अभी यह जांच लगातार चलेगी। पुलिस की टेक्निकल सेल को शामिल कर फील्ड वेरिफिकेशन शुरू किया गया है। दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।”
कौशल कुमार (एसडीओ, दुमका)

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