- सिविल सोसायटी दुमका ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की मांग को लेकर धरना दिया।
- 10 सूत्री मांग-पत्र अस्पताल अधीक्षक के माध्यम से स्वास्थ्य मंत्री को सौंपा गया।
- डॉक्टर के रिक्त पदों पर बहाली की मांग की गई।
- रात्रि सेवा में महिला डॉक्टरों की तैनाती और अन्य सुधारों की आवश्यकता जताई गई।
- धरने में सिविल सोसायटी के कई सदस्य उपस्थित थे।
सिविल सोसायटी द्वारा अस्पताल में सुधार की मांग
सोमवार को फूलो-झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल दुमका में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए सिविल सोसायटी दुमका के सदस्यों ने धरना दिया। अध्यक्षता राधेश्याम वर्मा ने की, और संचालन किया संदीप कुमार जय बमबम ने। इस धरने में अस्पताल में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण मांगें उठाई गई। सिविल सोसायटी ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी को 10 सूत्री मांग-पत्र सौंपा।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए प्रमुख मांगें
सिविल सोसायटी के अनुसार, दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डॉक्टरों के 81 स्वीकृत पदों के मुकाबले मात्र 26 डॉक्टर ही पदस्थापित हैं। इसके अलावा, कई डॉक्टर ड्यूटी से गायब रहते हैं, जिससे अस्पताल में पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पातीं। उन्होंने रिक्त पदों को भरने, विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति, ब्लड बैंक की स्थापना और सर्जरी के उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की मांग की।
रात्रि सेवाओं में सुधार की जरूरत
सिविल सोसायटी ने रात्रिकालीन सेवाओं में भी सुधार की आवश्यकता जताई। उन्होंने मांग की कि रात्रि सेवा में तीन-तीन डॉक्टरों की ड्यूटी हो, और प्रसव के लिए गर्भवती महिला को देखने के लिए महिला डॉक्टर की तैनाती हो। इसके अलावा, आपातकालीन चिकित्सा की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने की भी मांग की गई।
धरने में शामिल प्रमुख सदस्य
धरने में सिविल सोसायटी के प्रमुख सदस्य जैसे कि राधेश्याम वर्मा, प्रेम केशरी, संदीप कुमार जय बमबम, विजय कुमार सोनी, अखिलेश कुमार झा, मृणाल कुमार मिश्रा, भवानी शंकर प्रसाद, संतोष कुमार चौधरी, संतोष कुमार गोस्वामी, लक्ष्मी नारायण साह, और अन्य लोग शामिल थे।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए सिविल सोसायटी द्वारा किए गए इस प्रयास को लेकर क्षेत्रीय नागरिकों का समर्थन मिलता जा रहा है।
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