
हाइलाइट्स:
- दुमका रेलवे स्टेशन के नामपट्ट पर अब ओलचिकी लिपि में भी अंकित किया गया नाम।
- आदिवासी संगठनों ने इसे गर्व का क्षण बताते हुए रेलवे प्रशासन का आभार जताया।
- संताल समाज ने इसे भाषा और सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित करने की दिशा में अहम कदम बताया।
ओलचिकी लिपि को मिला सम्मान
झारखंड के दुमका रेलवे स्टेशन पर अब हिंदी और अंग्रेजी के साथ ओलचिकी लिपि में भी नाम अंकित किया गया है।
इस पहल से आदिवासी समाज में खुशी की लहर है और इसे संताल समाज की भाषा व सांस्कृतिक पहचान को सशक्त करने का प्रयास माना जा रहा है।
आदिवासी संगठनों ने जताया आभार
आदिवासी संगठनों के समन्वयक प्रतिनिधि मंडल ने स्टेशन प्रबंधक टी.पी. यादव को गुलदस्ता देकर सम्मानित किया और रेलवे प्रशासन का आभार जताया।
“यह संताल आदिवासी समाज के लिए गर्व का क्षण है। इससे हमारी भाषा और लिपि को नई पहचान मिलेगी।” – प्रतिनिधि मंडल
संताल समाज को मिलेगा बढ़ावा
प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि ओलचिकी लिपि को बढ़ावा देने और आदिवासी भाषा-संस्कृति को संरक्षित करने के लिए यह एक ऐतिहासिक कदम है।
इस अवसर पर सुभाष किस्कू, ईमेल मरांडी, राजाधन हेंब्रम, सुनील मरांडी, संजीव टुडू, सोनेलाल मुर्मू, एंथोनी किस्कू, सुनील टुडू और संजय मुर्मू सहित कई लोग उपस्थित रहे।
‘न्यूज़ देखो’ रखेगा हर अपडेट पर नजर
क्या झारखंड के अन्य रेलवे स्टेशनों पर भी यह पहल होगी? ‘न्यूज़ देखो’ इस खबर से जुड़े हर अपडेट को आप तक पहुंचाएगा।