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डुमरी सीएचसी में वेक्टर बॉर्न डिजीज पर आरएचपी डॉक्टरों को दिया गया विशेष प्रशिक्षण

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#डुमरी #स्वास्थ्य_प्रशिक्षण : मलेरिया, डेंगू और फाइलेरिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम को लेकर एक दिवसीय कार्यक्रम आयोजित
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डुमरी में आयोजित हुआ एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम।
  • आरएचपी डॉक्टरों को वेक्टर बॉर्न डिजीज की पहचान और उपचार की दी गई जानकारी।
  • जिला भीबीडी सलाहकार शर्मीला शर्मा ने किया प्रशिक्षण का संचालन।
  • मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया पर विस्तार से चर्चा।
  • रोगी मिलने पर प्राथमिक दवा, रेफरल और फॉलोअप प्रक्रिया की जानकारी।
  • लगभग 50 स्वास्थ्यकर्मी प्रशिक्षण में रहे उपस्थित।

डुमरी प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बुधवार को ग्रामीण क्षेत्रों में मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण को लेकर एक महत्वपूर्ण पहल की गई। आरएचपी (रूरल हेल्थ प्रैक्टिशनर) डॉक्टरों के लिए वेक्टर बॉर्न डिजीज विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में तेजी से फैलने वाली मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों की समय रहते पहचान, उपचार और रोकथाम को मजबूत करना रहा।

कार्यक्रम का संचालन जिला वेक्टर बॉर्न डिजीज (भीबीडी) सलाहकार शर्मीला शर्मा द्वारा किया गया। उन्होंने प्रशिक्षण सत्र के दौरान उपस्थित डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को व्यावहारिक जानकारी देते हुए बताया कि यदि शुरुआती स्तर पर ही रोग की पहचान कर ली जाए तो गंभीर जटिलताओं और मृत्यु दर को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

मच्छर जनित बीमारियों पर विस्तृत जानकारी

प्रशिक्षण के दौरान सलाहकार शर्मीला शर्मा ने मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू एवं चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के कारणों, उनके फैलने के माध्यमों और लक्षणों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि ये बीमारियां मुख्य रूप से मच्छरों के माध्यम से फैलती हैं और साफ-सफाई की कमी, जलजमाव और जागरूकता के अभाव में इनका खतरा और बढ़ जाता है।

उन्होंने बताया कि मलेरिया और डेंगू के शुरुआती लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द और कमजोरी शामिल हैं, जबकि फाइलेरिया लंबे समय में शरीर के अंगों में सूजन जैसी गंभीर समस्या उत्पन्न कर सकता है। चिकनगुनिया में तेज बुखार के साथ जोड़ों में दर्द लंबे समय तक बना रह सकता है।

समय पर पहचान और उपचार पर जोर

सलाहकार शर्मा ने जोर देते हुए कहा कि समय पर रोग की पहचान और उचित उपचार से मरीज को गंभीर स्थिति में पहुंचने से बचाया जा सकता है। उन्होंने आरएचपी डॉक्टरों को यह भी बताया कि किस स्थिति में मरीज को प्राथमिक स्तर पर ही दवा दी जा सकती है और कब उसे उच्च स्वास्थ्य केंद्र में रेफर करना आवश्यक होता है।

प्रशिक्षण के दौरान रोगी मिलने की स्थिति में प्राथमिक दवाइयों, उनकी मात्रा, उपचार की अवधि और संभावित साइड इफेक्ट्स की भी जानकारी दी गई। इसके साथ ही रेफरल प्रक्रिया और उपचार के बाद फॉलोअप कैसे किया जाए, इस पर भी विस्तार से चर्चा हुई।

ग्रामीण क्षेत्रों में सतर्कता जरूरी

सलाहकार शर्मीला शर्मा ने आरएचपी डॉक्टरों से अपील की कि वे अपने-अपने कार्यक्षेत्र में विशेष सतर्कता बरतें। उन्होंने कहा कि केवल इलाज ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि जनजागरूकता भी उतनी ही जरूरी है।

उन्होंने निर्देश दिया कि ग्रामीणों को मच्छरों से बचाव के उपायों के बारे में जागरूक किया जाए, जैसे—

  • घरों और आसपास जलजमाव न होने देना,
  • मच्छरदानी का प्रयोग,
  • साफ-सफाई पर विशेष ध्यान,
  • बुखार आने पर तुरंत जांच और इलाज।

उन्होंने यह भी कहा कि विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करना सभी स्वास्थ्यकर्मियों की जिम्मेदारी है, ताकि वेक्टर बॉर्न डिजीज पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सके।

स्वास्थ्यकर्मियों ने बताया उपयोगी प्रशिक्षण

प्रशिक्षण में उपस्थित स्वास्थ्यकर्मियों ने इसे बेहद उपयोगी और ज्ञानवर्धक बताया। उनका कहना था कि इस तरह के प्रशिक्षण से ग्रामीण क्षेत्रों में काम कर रहे आरएचपी डॉक्टरों को बीमारियों की पहचान और इलाज में और अधिक आत्मविश्वास मिलेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि इससे मच्छर जनित बीमारियों के बढ़ते मामलों पर नियंत्रण पाने में मदद मिलेगी और समय पर उपचार से मरीजों को राहत मिल सकेगी।

बड़ी संख्या में स्वास्थ्यकर्मी रहे उपस्थित

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में एम टी एस ओम प्रकाश मिस्त्री, लेखपाल इंदु कुमारी, एल टी नरेंद्र कुमार, एम पी डब्ल्यू सचिन सलिल कुजूर, अनूप कुमार, पवन चिक बड़ाइक, बी टी टी मंजुला मिंज, अंशु भगत सहित लगभग 50 स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित थे। सभी ने प्रशिक्षण में सक्रिय भागीदारी निभाई और अपने अनुभव साझा किए।

स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने की पहल

यह प्रशिक्षण कार्यक्रम डुमरी प्रखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे नियमित प्रशिक्षण से न केवल स्वास्थ्यकर्मियों की क्षमता बढ़ती है, बल्कि आम जनता को भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल पाती हैं।

न्यूज़ देखो: ग्रामीण स्वास्थ्य की दिशा में अहम कदम

डुमरी सीएचसी में आयोजित यह प्रशिक्षण कार्यक्रम मच्छर जनित बीमारियों के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करता है। आरएचपी डॉक्टरों को प्रशिक्षित कर प्रशासन ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि ग्रामीण स्वास्थ्य को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

जागरूकता से ही संभव है बीमारी पर नियंत्रण

मच्छर जनित बीमारियां रोकथाम से ही रोकी जा सकती हैं।
स्वच्छता अपनाएं, जलजमाव से बचें और समय पर जांच कराएं।
अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक करें।
इस खबर को साझा करें और स्वास्थ्य के प्रति जिम्मेदारी निभाएं।

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Aditya Kumar

डुमरी, गुमला

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