#दुमका #खेल_उपलब्धि : एसजीएफआई कुश्ती प्रतियोगिता में दुमका के नौ खिलाड़ियों ने झारखंड का परचम लहराया
- दुमका जिले के नौ खिलाड़ियों ने एसजीएफआई कुश्ती प्रतियोगिता में पदक जीतकर इतिहास रचा।
- खिलाड़ियों को कुश्ती संघ अध्यक्ष डॉ. तुषार ज्योति और सीनियर कोच फरीद खान ने किया सम्मानित।
- कार्यक्रम में समाजसेवी सिकंदर बख्श सहित कई गणमान्य लोग रहे मौजूद।
- विजेताओं में तीन स्वर्ण, तीन रजत और तीन कांस्य पदक शामिल।
- डॉ. तुषार ज्योति ने कहा – “अब लक्ष्य है देश के लिए मेडल जीतना।”
एसजीएफआई गेम्स में दुमका के खिलाड़ियों ने एक बार फिर अपने दमदार प्रदर्शन से जिले का नाम पूरे झारखंड में चमका दिया। कुल नौ युवा पहलवानों ने अलग-अलग वर्गों में शानदार प्रदर्शन करते हुए तीन स्वर्ण, तीन रजत और तीन कांस्य पदक अपने नाम किए। इन उपलब्धियों के बाद पूरे दुमका में खुशी की लहर है और खेल प्रेमियों में उत्साह देखा जा रहा है।
दुमका के पहलवानों ने लिखी नई कहानी
इस बार एसजीएफआई गेम्स में दुमका के खिलाड़ियों ने जिस तरह का प्रदर्शन किया, उसने साबित कर दिया कि मेहनत, अनुशासन और आत्मविश्वास से कोई भी मंज़िल हासिल की जा सकती है। अध्यक्ष डॉ. तुषार ज्योति ने सभी विजेताओं को सम्मानित करते हुए कहा कि यह उपलब्धि न केवल जिले बल्कि पूरे झारखंड के लिए गौरव की बात है।
डॉ. तुषार ज्योति ने कहा: “अब लक्ष्य है देश के लिए मेडल जीतना। इन बच्चों ने दिखा दिया है कि संकल्प और संघर्ष के बल पर असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है।”
कार्यक्रम के दौरान खिलाड़ियों को सीनियर कोच फरीद खान और अफ़रीद खान ने सम्मानित किया और उनके समर्पण की सराहना की। वहीं, समाजसेवी सिकंदर बख्श ने भी बच्चों को प्रोत्साहित किया और कहा कि खेल ही युवाओं को सही दिशा देता है।
पदक विजेताओं की सूची
Under-19 Boys वर्ग में
- आशीष कुमार – 74 किलो वर्ग में स्वर्ण पदक
- सुरेष्ठा कुमार – 97 किलो वर्ग में रजत पदक
- मोहम्मद सैफुल अंसारी – 74 किलो वर्ग में रजत पदक
Under-17 Boys वर्ग में
- बिरेन्द्र टुडू – 55 किलो वर्ग में स्वर्ण पदक
- मिथलेश केवट – 65 किलो वर्ग में कांस्य पदक
Under-14 Girls वर्ग में
- मार्शिला मुर्मू – 45 किलो वर्ग में रजत पदक
सिनियर कैटेगरी में
- किशोर कुमार हांसदा – 75 किलो वर्ग में स्वर्ण पदक
- मोहम्मद ज़ीशान मुशर्रफ – 68 किलो वर्ग में कांस्य पदक
इन सभी खिलाड़ियों ने जिले का नाम रोशन करते हुए यह साबित किया कि दुमका की धरती पर प्रतिभा की कोई कमी नहीं है।
सम्मान समारोह में उमड़ा उत्साह
सम्मान समारोह के दौरान माहौल पूरी तरह उत्सवमय रहा। खिलाड़ियों के साथ उनके परिजन, प्रशिक्षक और खेल प्रेमी बड़ी संख्या में मौजूद थे। डॉ. तुषार ज्योति ने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि यह तो बस शुरुआत है, आने वाले वर्षों में यही बच्चे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करेंगे।
कोच फरीद खान ने कहा: “इन बच्चों ने कठिन परिश्रम से यह मुकाम हासिल किया है। हमने सिर्फ उन्हें दिशा दिखाई, बाकी उन्होंने अपनी लगन और अनुशासन से जीत सुनिश्चित की।”
दुमका में खेल संस्कृति को नई पहचान
दुमका जिले में पिछले कुछ वर्षों में खेलों के प्रति बच्चों का रुझान बढ़ा है। कुश्ती संघ और स्थानीय कोचों के प्रयासों से लगातार नई प्रतिभाएं सामने आ रही हैं। इस सफलता के बाद जिले के कई गांवों में खेल प्रशिक्षण को लेकर नया उत्साह देखने को मिल रहा है।
न्यूज़ देखो: दुमका की मिट्टी से निकल रहे हैं राष्ट्रीय स्तर के चैंपियन
दुमका के पहलवानों की यह जीत सिर्फ पदक नहीं, बल्कि उस बदलती सोच का प्रतीक है जिसमें ग्रामीण बच्चे भी अब बड़े सपने देखने लगे हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि संसाधनों की कमी के बावजूद इच्छाशक्ति हो तो सफलता अवश्य मिलती है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जीत की लहर को बनाएं प्रेरणा
दुमका के इन नौ खिलाड़ियों ने दिखा दिया कि निरंतर प्रयास से असंभव कुछ नहीं। अब बारी है बाकी युवाओं की कि वे भी अपने क्षेत्र और देश का नाम रोशन करें।
खेल को अपनाएं, अनुशासन को जीवन का हिस्सा बनाएं और आगे बढ़ें।
अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को शेयर करें और खिलाड़ियों को बधाई देने में हिस्सा लें ताकि उनकी मेहनत को सम्मान मिले।