Site icon News देखो

दुमका के उपायुक्त अभिजीत सिन्हा को राष्ट्रीय सम्मान “यूज़ केस चैलेंज अवार्ड” नवाचारों से मिली पहचान

#दुमका #राष्ट्रीय_सम्मान : नीति आयोग द्वारा आयोजित यूज़ केस चैलेंज में “दीदी की दुकान” और “24×7 ऑनलाइन शिक्षा समर्थन” पहल को मिला उत्कृष्ट नवाचार का पुरस्कार

दुमका जिले के लिए यह गौरव का क्षण है जब इसके दो अभिनव प्रयासों — “दीदी की दुकान” और “24×7 ऑनलाइन शिक्षा समर्थन” — को नीति आयोग, भारत सरकार द्वारा आयोजित “यूज़ केस चैलेंज अवार्ड” में राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है। इस उपलब्धि ने न केवल जिला प्रशासन की कार्यकुशलता को प्रमाणित किया है बल्कि झारखंड के विकास मॉडल में भी एक नई दिशा जोड़ी है।

दुमका प्रशासन की अभिनव पहल को राष्ट्रीय स्तर पर मिली सराहना

एल.बी.एस.एन.ए.ए (LBSNAA), मसूरी में आयोजित कार्यक्रम में उपायुक्त अभिजीत सिन्हा को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया गया। यह सम्मान उन प्रशासनिक अधिकारियों को दिया जाता है जिन्होंने नवाचार और लोकहितकारी योजनाओं के माध्यम से समाज में ठोस बदलाव लाने का कार्य किया है।

उपायुक्त अभिजीत सिन्हा ने कहा: “यह सम्मान पूरे दुमका जिले की जनता, प्रशासनिक टीम और उन महिलाओं व विद्यार्थियों को समर्पित है जिन्होंने इन पहलों को सफल बनाया।”

“दीदी की दुकान” ने बढ़ाया महिलाओं का आत्मविश्वास

“दीदी की दुकान” योजना दुमका जिला प्रशासन की एक महत्वपूर्ण पहल रही है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। इस परियोजना के तहत महिलाओं को स्थानीय उत्पादों के विपणन और बिक्री का मंच दिया गया। इससे न केवल उनकी आमदनी बढ़ी बल्कि समाज में उनके आत्मविश्वास और सामाजिक भागीदारी में भी वृद्धि हुई।

इस पहल ने महिलाओं को स्वरोज़गार के साथ-साथ “लोकल टू ग्लोबल” की दिशा में प्रेरित किया, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिली।

शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल क्रांति की दिशा

“24×7 ऑनलाइन शिक्षा समर्थन” परियोजना दुमका जिले की एक और ऐतिहासिक पहल रही है, जिसने शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन लाया। इस योजना के माध्यम से छात्रों को हर समय डिजिटल प्लेटफॉर्म पर गुणवत्तापूर्ण अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराई गई। खास बात यह रही कि सीमित संसाधनों के बावजूद जिला प्रशासन ने तकनीक का उपयोग करते हुए शिक्षा को अधिक सुलभ और प्रभावी बनाया।

यह परियोजना ग्रामीण इलाकों के विद्यार्थियों के लिए एक जीवनरेखा साबित हुई है, जिससे हजारों छात्र-छात्राओं को सीखने का नया अवसर मिला।

नीति आयोग ने नवाचारों को बताया प्रेरणास्रोत

नीति आयोग ने “दीदी की दुकान” और “24×7 ऑनलाइन शिक्षा समर्थन” को उत्कृष्ट नवाचार का उदाहरण बताते हुए कहा कि यह पहलें देशभर के जिलों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। इन पहलों ने यह साबित किया है कि यदि प्रशासनिक इच्छाशक्ति और स्थानीय भागीदारी एक साथ काम करें तो परिवर्तन संभव है।

इस सम्मान ने दुमका को राष्ट्रीय मानचित्र पर नई पहचान दी है और यह साबित किया है कि छोटे जिलों में भी बड़ा बदलाव लाने की क्षमता है।

न्यूज़ देखो: नवाचारों से प्रशासन में आया जनविश्वास

दुमका जिला प्रशासन की यह उपलब्धि बताती है कि जब प्रशासनिक व्यवस्था आम जनता की जरूरतों को समझते हुए जमीनी स्तर पर काम करती है, तो परिणाम अद्भुत होते हैं। यह सम्मान न केवल एक अधिकारी की सफलता है, बल्कि पूरे जिले की मेहनत, नवाचार और सामूहिक प्रयास का परिणाम है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

नवाचार और सेवा का संगम

दुमका की यह सफलता हमें यह संदेश देती है कि सच्चे समर्पण और नए विचारों से हर स्तर पर बदलाव लाया जा सकता है। अब जरूरत है कि अन्य जिले भी ऐसे ही जनहितकारी प्रयोगों को अपनाएँ और प्रशासन को जनसहभागिता का माध्यम बनाएं। अपनी राय कमेंट करें, खबर को शेयर करें और प्रेरक प्रयासों की यह कहानी दूसरों तक पहुँचाएँ ताकि हर जिला “नवाचार का दुमका” बन सके।

Exit mobile version