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डुमरी बीडीओ का निरीक्षण — कुपोषण उपचार केंद्र में स्वच्छता और देखभाल की सराहना

#डुमरी #स्वास्थ्य : एमटीसी केंद्र में माताओं से की बातचीत — बच्चों को मिल रही सुविधाओं पर जताई संतुष्टि

बीडीओ का निरीक्षण और संतुष्टि

मंगलवार को प्रखंड विकास पदाधिकारी उमेश कुमार स्वांसी ने प्रखंड अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डुमरी और हंस फाउंडेशन के सहयोग से संचालित कुपोषण उपचार केंद्र (एमटीसी) का निरीक्षण किया। उन्होंने माताओं से बातचीत कर बच्चों को मिलने वाली सुविधाओं और उपचार संबंधी व्यवस्थाओं की जानकारी ली।

माताओं ने बताया कि केंद्र पर उन्हें किसी प्रकार की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ता है। बच्चों को समय-समय पर दवा, पौष्टिक आहार और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।

हंस फाउंडेशन की विशेष पहल

केंद्र में हंस फाउंडेशन की ओर से बच्चों के लिए एक प्लेयिंग एरिया की व्यवस्था की गई है, ताकि बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास में संतुलन बना रहे। इस व्यवस्था की सराहना करते हुए बीडीओ ने कहा कि इससे बच्चों का मनोबल बढ़ता है और वे तेजी से स्वस्थ होते हैं।

स्थानीय स्तर पर इलाज की सुविधा

बीडीओ उमेश कुमार स्वांसी ने बताया कि एमटीसी केंद्र शुरू होने से अब कुपोषित बच्चों के इलाज के लिए रायडीह नहीं जाना पड़ता। अब डुमरी में ही सुविधाएं उपलब्ध होने से लोगों को काफी राहत मिली है और बच्चों को समय पर उपचार मिल पा रहा है।

बीडीओ उमेश कुमार स्वांसी ने कहा: “एमटीसी केंद्र की व्यवस्था से लोगों को सहूलियत हुई है। यहां बच्चों का समुचित उपचार और देखभाल हो रहा है।”

बेड की स्थिति और वेटिंग लिस्ट

फिलहाल केंद्र में 10 बेड की व्यवस्था है, जो पूरी तरह भरे हुए हैं। स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि वेटिंग लिस्ट में शामिल बच्चों के अभिभावकों के नंबर दर्ज कर लिए गए हैं। जैसे ही बेड खाली होंगे, उन्हें सूचना देकर बुलाया जाएगा।

इस केंद्र में डुमरी प्रखंड के साथ-साथ चैनपुर प्रखंड के भी कई कुपोषित बच्चे भर्ती हैं।

अधिकारियों और कर्मियों की मौजूदगी

निरीक्षण के दौरान प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अलबेल केरकेट्टा, बीपीएम राजेश केरकेट्टा और हंस फाउंडेशन के अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे। सभी ने मिलकर बीडीओ को केंद्र की गतिविधियों और व्यवस्था की जानकारी दी।

न्यूज़ देखो: बच्चों के स्वास्थ्य के लिए प्रशासन का संजीदा प्रयास

डुमरी में एमटीसी केंद्र की शुरुआत और बीडीओ का निरीक्षण यह दर्शाता है कि प्रशासन बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर है। यह कदम न केवल कुपोषण जैसी समस्या से निपटने की दिशा में मददगार है, बल्कि ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता का भरोसा भी जगाता है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

सामूहिक प्रयास से बनेगा स्वस्थ समाज

कुपोषण से लड़ना केवल सरकार या संस्था की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि पूरे समाज का कर्तव्य है। जब प्रशासन, संगठन और नागरिक मिलकर आगे आएंगे तभी बच्चों का भविष्य स्वस्थ और मजबूत बन पाएगा। इस खबर पर अपनी राय जरूर साझा करें और इसे अपने दोस्तों-परिवार तक पहुंचाएं ताकि जागरूकता बढ़े और अधिक लोग इस अभियान से जुड़ सकें।

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