#गुमला #खेल : ग्रामीण प्रतिभाओं ने दिखाया दमखम खेलो झारखंड से मिली नई ऊर्जा
- डुमरी प्रखंड स्तरीय खेलो झारखंड कार्यक्रम का भव्य समापन टांगरडीह स्कूल मैदान में हुआ।
- बालिका अंडर 14 फुटबॉल फाइनल में केजीबी विद्यालय ने सुवाली स्कूल को 2-0 से हराया।
- युवाओं ने कबड्डी, वॉलीबॉल, खो-खो, लंबी कूद और दौड़ में भी शानदार प्रदर्शन किया।
- विजेताओं को प्रशस्ति पत्र, ट्रॉफी और मेडल देकर सम्मानित किया गया।
- मुख्य अतिथि ने कहा कि खेलो झारखंड से ग्रामीण युवाओं को राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर मंच मिलेगा।
गुमला जिले के डुमरी प्रखंड में खेलो झारखंड कार्यक्रम का भव्य समापन टांगरडीह स्कूल मैदान में आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों में खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने और युवाओं में खेल भावना जागृत करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। समापन समारोह की शुरुआत अतिथियों द्वारा द्वीप प्रज्वलित कर की गई।
फुटबॉल फाइनल में केजीबी विद्यालय की जीत
बालिका अंडर 14 वर्ग के फाइनल मुकाबले में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय और उत्क्रमित उच्च विद्यालय सुवाली की टीम आमने-सामने थी। इस रोमांचक मैच में केजीबी विद्यालय ने शानदार खेल दिखाते हुए सुवाली की टीम को 2-0 से मात देकर खिताब अपने नाम किया।
विभिन्न खेलों में ग्रामीण प्रतिभाओं का जलवा
कार्यक्रम के दौरान फुटबॉल के अलावा कबड्डी, वॉलीबॉल, लंबी कूद, खो-खो और दौड़ जैसी कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इन खेलों में स्थानीय युवाओं और छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और उत्कृष्ट प्रदर्शन कर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया।
विजेताओं का हुआ सम्मान
समापन समारोह में विजेताओं को प्रशस्ति पत्र, ट्रॉफी और मेडल देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान मैदान में मौजूद छात्र-छात्राओं और ग्रामीणों ने खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया।
खेलो झारखंड का उद्देश्य
मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा कि खेलो झारखंड का असली मकसद ग्रामीण क्षेत्रों की छिपी हुई प्रतिभाओं को सामने लाना है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन न केवल बच्चों में खेल के प्रति रुचि बढ़ाते हैं बल्कि उन्हें राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ने का सुनहरा अवसर भी प्रदान करते हैं।
न्यूज़ देखो: ग्रामीण खेलों से निकल रही नई प्रतिभा
यह कार्यक्रम इस बात का उदाहरण है कि अवसर मिलने पर ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे भी अपनी प्रतिभा का बेहतरीन प्रदर्शन कर सकते हैं। खेलो झारखंड जैसे आयोजन युवाओं में आत्मविश्वास बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें भविष्य के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
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खेलों से ही निखरेगा भविष्य
अब वक्त है कि हम सब ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करें और उन्हें सही दिशा दें। खेल न केवल शारीरिक विकास का माध्यम है, बल्कि अनुशासन और आत्मविश्वास भी सिखाता है।
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