
#रामगढ़ #ArtificialIntelligence : विधायक ने पीएचडी स्कॉलर की भूमिका में AI पर छात्रों को किया संबोधित — शिक्षा, समाज और तकनीक के भविष्य पर रखे विचार
- महर्षि परमहंस कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन, रामगढ़ में हुआ दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार।
- डुमरी विधायक डॉ. जयराम कुमार महतो ने छात्र की भूमिका में लिया हिस्सा।
- Artificial Intelligence (AI) के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों पर रखे विचार।
- कहा — “MLA नहीं, एक शोध छात्र के तौर पर यहां उपस्थित हूं”।
- छात्रों को दी तकनीकी युग में विवेकपूर्ण उपयोग की प्रेरणा।
रामगढ़ सेमिनार में दिखा राजनीति और शोध का अद्भुत संगम
रामगढ़ के महर्षि परमहंस कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन में आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार के दूसरे दिन एक अनोखा दृश्य देखने को मिला। मंच पर कोई मंत्री, विधायक या नेता के तौर पर नहीं, बल्कि एक शोध छात्र की सादगी में डुमरी विधायक डॉ. जयराम कुमार महतो उपस्थित थे।
उन्होंने Artificial Intelligence (AI) विषय पर गंभीर और शोधपरक बातें रखीं, जिससे छात्रों और श्रोताओं को तकनीक के प्रति नई सोच और सावधानी की प्रेरणा मिली।
डॉ. जयराम कुमार महतो ने कहा: “मैं आज यहां MLA बनकर नहीं, बल्कि एक पीएचडी इंग्लिश स्कॉलर के रूप में खड़ा हूं। तकनीक के इस युग में हमें AI का समझदारी से उपयोग करना होगा, वरना इसके दुष्प्रभाव हमारे समाज को दिशा से भटका सकते हैं।”
AI के प्रभावों पर खुलकर रखी बात
डॉ. महतो ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि AI एक क्रांतिकारी तकनीक है, जो स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, कानून जैसे क्षेत्रों में अवसरों के नए द्वार खोलती है। लेकिन उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि तकनीक का विवेकपूर्ण उपयोग नहीं हुआ, तो यह नौकरी, गोपनीयता और मानवीय संवेदनाओं के लिए संकट बन सकती है।
विद्यार्थियों में दिखा उत्साह, सेमिनार बना संवाद का मंच
विधायक की इस नवाचारपूर्ण भागीदारी ने छात्रों को प्रेरित किया। सभी ने यह महसूस किया कि राजनीति और शिक्षा का गहरा संबंध हो सकता है, जब कोई जनप्रतिनिधि स्वयं एक विद्यार्थी बनकर सीखने और सिखाने को तैयार हो।
कॉलेज प्रबंधन ने भी डॉ. महतो के दृष्टिकोण की सराहना करते हुए कहा कि यह सेमिनार एक गुणात्मक संवाद के रूप में उभरा, जिसमें केवल अकादमिक नहीं बल्कि सामाजिक और तकनीकी सवालों पर भी गंभीर विमर्श हुआ।



न्यूज़ देखो: छात्र के रूप में जब मंच पर उतरे विधायक
डॉ. जयराम महतो जैसे जनप्रतिनिधि जब नेता से ऊपर उठकर एक विद्यार्थी की भूमिका निभाते हैं, तो समाज को शिक्षा का असली अर्थ समझ आता है। उनका यह कदम दिखाता है कि शिक्षा केवल डिग्री नहीं, एक सतत यात्रा है।
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