#गिरिडीह #विधानसभा : संस्कृति और इतिहास को संजोने की पहल
- डुमरी विधायक जयराम महतो ने सदन में रखी अहम मांग।
- पारसनाथ पहाड़ की चोटी पर बड़े-बड़े स्टेचू लगाने का प्रस्ताव।
- गुरुजी शिबू सोरेन, विनोद बाबू, ए.के राय, निर्मल महतो और शिवा महतो की प्रतिमाएं लगाने की मांग।
- पहल से झारखंड की संस्कृति और इतिहास को मिलेगा सम्मान।
- क्षेत्र में पर्यटन और पहचान बढ़ाने की संभावना।
झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र में डुमरी विधायक जयराम महतो ने एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया। उन्होंने सदन में मांग की कि पारसनाथ पहाड़ की चोटी पर राज्य के महान नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमाएं स्थापित की जाएं। इनमें गुरुजी शिबू सोरेन, विनोद बाबू, ए.के राय, निर्मल महतो और शिवा महतो जैसे नाम शामिल हैं।
संस्कृति और इतिहास के संरक्षण की पहल
विधायक महतो ने कहा कि झारखंड की पहचान उसके इतिहास और संस्कृति से है। इन नेताओं ने समाज और राज्य निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी प्रतिमाएं पारसनाथ की चोटी पर लगने से आने वाली पीढ़ियां उनसे प्रेरणा ले सकेंगी।
पर्यटन की दृष्टि से अहम
इस प्रस्ताव से न सिर्फ झारखंड की गौरवशाली परंपरा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पारसनाथ पहाड़ की पहचान भी राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत होगी। स्थानीय लोग मानते हैं कि अगर यह मांग पूरी होती है तो यहां पर्यटन को भी नई दिशा मिलेगी और क्षेत्रीय विकास को बल मिलेगा।
सदन में गूंजा झारखंड गौरव का मुद्दा
विधानसभा में इस प्रस्ताव पर कई सदस्यों ने ध्यान दिया और इसे झारखंड के लिए महत्वपूर्ण कदम माना। उम्मीद है कि सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठाएगी।
न्यूज़ देखो: संस्कृति और पर्यटन का संगम
पारसनाथ झारखंड की आस्था और पहचान का प्रतीक है। यदि यहां राज्य के महान नेताओं की प्रतिमाएं लगती हैं तो यह न सिर्फ सांस्कृतिक सम्मान होगा बल्कि पर्यटन और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी नया आयाम देगा।
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झारखंड की धरोहर को नई पहचान
यह पहल बताती है कि अब समय आ गया है जब हम अपनी धरोहर और नायकों को उचित सम्मान दें। आइए, हम सब मिलकर झारखंड की संस्कृति और इतिहास को आगे बढ़ाने में योगदान करें।
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