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शहीद मनीन्द्रनाथ मंडल की जयंती पर डुमरी विधायक जयराम महतो ने दी श्रद्धांजलि: मजदूरों और विस्थापितों की आवाज को किया याद

#धनबाद #शहीदजयंती : आदर्श, संघर्ष और बलिदान के प्रतीक रहे मनीन्द्रनाथ मंडल की 76वीं जयंती पर हुआ भावपूर्ण समारोह

धनबाद में झारखंड आंदोलनकारी और माफियाओं के खिलाफ संघर्ष करने वाले शहीद मनीन्द्रनाथ मंडल की 76वीं जयंती बड़े ही सम्मान और श्रद्धा के साथ मनाई गई। इस अवसर पर डुमरी विधायक जयराम कुमार महतो स्वयं शामिल हुए और उन्होंने मंडल जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। सबसे पहले विधायक उनके स्टील गेट स्थित आवास पहुंचे जहां शहीद की पत्नी रेखा मंडल से मुलाकात कर आशीर्वाद लिया। इसके बाद मेमको मोड़ स्थित मनीन्द्रनाथ मंडल चौक पर आयोजित समारोह में भाग लिया।

सम्मान और श्रद्धांजलि का समारोह

जयंती समारोह में झारखंड आंदोलन के संघर्ष और मनीन्द्रनाथ मंडल के योगदान को याद किया गया। इस मौके पर JPSC परीक्षा में सफल वंदना मंडल और NET परीक्षा में सफल खुशी मंडल को सम्मानित कर अगली पीढ़ी को प्रेरित करने का कार्य किया गया। विधायक ने यहां दिशोम गुरु शिबू सोरेन और शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन को भी श्रद्धांजलि दी।

मनीन्द्रनाथ मंडल का संघर्षपूर्ण जीवन

मनीन्द्रनाथ मंडल मजदूरों और विस्थापितों की आवाज माने जाते थे। वे जीवनभर शराबबंदी, दहेज प्रथा और माफियाओं के शोषण के खिलाफ डंके की चोट पर लड़ते रहे। उनका कहना था –

“तुम्हारी हार और जीत केवल तुम्हारे त्याग और समर्पण पर निर्भर करता है।”

उनका संघर्ष झारखंडी समाज की पहचान का हिस्सा रहा। जेएमएम के प्रथम जिला अध्यक्ष के रूप में उन्होंने पार्टी के संगठन निर्माण में भी अग्रणी भूमिका निभाई। यही कारण है कि आज जब जेएमएम की सरकार हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सत्ता में है, तब भी मनीन्द्रनाथ मंडल का नाम लोगों की जुबां पर है।

उपेक्षा और सम्मान की मांग

जयंती समारोह में वक्ताओं ने दुख जताया कि आज तक शहीद मनीन्द्रनाथ बाबू को उनके योगदान के अनुरूप सम्मान नहीं मिल पाया है। धनबाद में किसी सरकारी संस्थान का नाम उनके नाम पर करने की मांग भी की गई।

न्यूज़ देखो: समाज के नायक को पहचान दिलाने की ज़रूरत

मनीन्द्रनाथ मंडल जैसे योद्धा जिन्होंने मजदूरों और विस्थापितों के अधिकार के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर दिया, उन्हें सिर्फ याद करने की नहीं बल्कि संस्थागत सम्मान देने की भी आवश्यकता है। जब तक उनके नाम पर स्थायी स्मृति स्थल और संस्थान नहीं होंगे, तब तक उनका संघर्ष अधूरा प्रतीत होगा।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

शहादत से निकला संदेश

शहीद मनीन्द्रनाथ मंडल का जीवन हमें सिखाता है कि सामाजिक बुराइयों और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना ही असली देशभक्ति है। अब समय है कि हम सब उनके आदर्शों को अपनाकर नई पीढ़ी को जागरूक करें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि उनकी प्रेरणा हर घर तक पहुंचे।

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