#गिरिडीह #संस्कृति : पारसनाथ मेला मैदान में झारखंडी परंपरा के रंग
- करम महोत्सव का आयोजन मकर संक्रांति मेला मैदान में।
- झारखंडी भाषा खतियानी संघर्ष समिति पीरटांड़ के बैनर तले कार्यक्रम हुआ।
- डुमरी विधायक जयराम महतो रहे मुख्य आकर्षण।
- विधायक ने बताया करम परब की सांस्कृतिक और सामाजिक महत्ता।
- स्थानीय लोगों में रहा उत्साह और सांस्कृतिक जुड़ाव।
गिरिडीह जिले के मरांग बुरु पारसनाथ सह अहिंसा की तपोभूमि पारसनाथ स्थित मकर संक्रांति मेला मैदान में झारखंडी भाषा खतियानी संघर्ष समिति पीरटांड़ के बैनर तले करम महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीण और स्थानीय लोग शामिल हुए।
विधायक जयराम महतो की उपस्थिति
इस अवसर पर डुमरी विधायक जयराम कुमार महतो विशेष अतिथि के रूप में पहुंचे। उनकी गरिमामई उपस्थिति से कार्यक्रम का महत्व और भी बढ़ गया। विधायक ने मंच से लोगों को संबोधित करते हुए करम परब की महत्ता और इसके सामाजिक-सांस्कृतिक संदेश पर प्रकाश डाला।
जयराम महतो: “करम परब हमारी झारखंडी संस्कृति की आत्मा है। यह पर्व हमें प्रकृति से जुड़ने, भाईचारे को बढ़ाने और सामूहिकता का संदेश देता है। आने वाली पीढ़ियों को इस परंपरा से प्रेरणा लेनी चाहिए।”
लोक परंपरा का उत्सव
करम महोत्सव के दौरान गीत, नृत्य और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने माहौल को जीवंत कर दिया। स्थानीय युवाओं और महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए, जिससे पूरे मैदान में उत्साह और उमंग का वातावरण बना रहा।

न्यूज़ देखो: संस्कृति से जुड़े रहने की जरूरत
करम महोत्सव जैसे आयोजन न केवल हमारी जड़ों से जोड़ते हैं बल्कि समाज में एकता और भाईचारे की भावना भी जगाते हैं। झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने में ऐसे त्योहार अहम भूमिका निभाते हैं।
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परंपरा से प्रेरणा
यह समय है कि हम सब अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संजोएं और आने वाली पीढ़ियों को इसकी प्रेरणा दें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को अधिक से अधिक लोगों तक शेयर करें ताकि झारखंड की परंपराओं की पहचान दूर-दूर तक पहुंचे।