#डुमरी #भूधंसान : राहुल रवानी की मौत पर आंदोलन, परिजनों को मुआवजा और पेंशन की घोषणा
- रामकनाली भू-धंसान में बलियापुर निवासी राहुल रवानी की मौत।
- परिजनों को मिला 20 लाख मुआवजा और पत्नी को पेंशन का आश्वासन।
- डुमरी विधायक जयराम महतो ने धरना में शामिल होकर दिया समर्थन।
- कंपनी प्रबंधन से वार्ता में अतिरिक्त 50,000 सहयोग राशि भी तय।
- भू-धंसान पर अवैध खनन और प्रबंधन की लापरवाही का आरोप।
रामकनाली, कतरास। अवैध खनन से हुई दर्दनाक दुर्घटना में बलियापुर के पलानी निवासी राहुल रवानी की जान चली गई। इस हादसे ने पूरे इलाके को दहला दिया और परिवार को गहरे दुख में डुबो दिया। पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए डुमरी विधायक जयराम कुमार महतो स्वयं घटनास्थल पर पहुंचे।
आंदोलन और धरना से मिला न्याय का आश्वासन
विधायक जयराम महतो ने बताया कि स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के बावजूद भी वे खुद को रोक नहीं पाए। उन्होंने कहा, “न्याय की लड़ाई में हम शांत नहीं रह सकते।” धरना स्थल पर पार्टी के उपाध्यक्ष दीपक रवानी के नेतृत्व में स्थानीय लोग और कार्यकर्ता जुटे और मां अंबे आउटसोर्सिंग कंपनी का काम बंद करवाया। इसके बाद कंपनी प्रबंधन से वार्ता हुई, जिसमें महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
मुआवजा और पेंशन की बड़ी घोषणा
कंपनी प्रबंधन के साथ हुई वार्ता के बाद पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपये का मुआवजा, मृतक की पत्नी को एचपीसीए के तहत 60 साल तक पेंशन, और दाह संस्कार के लिए 50 हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की गई। यह केवल एक परिवार की मदद नहीं, बल्कि न्याय के लिए संघर्ष कर रहे सभी पीड़ितों के लिए उम्मीद की किरण है।
भू-धंसान पर गंभीर सवाल
इस घटना को लेकर विधायक महतो ने साफ कहा कि यह हादसा अवैध खनन और प्रबंधन की लापरवाही का परिणाम है। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसी घटनाओं को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, “न्याय की लड़ाई में हम अंतिम दम तक साथ खड़े रहेंगे।”
अन्य दलों का भी समर्थन
इस आंदोलन में अन्य राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे और पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। आंदोलन के जरिए यह संदेश दिया गया कि यदि सिस्टम लापरवाही करेगा तो जनता और जनप्रतिनिधि दोनों मिलकर इसका विरोध करेंगे।

न्यूज़ देखो: संघर्ष से उठी आवाज
रामकनाली की यह घटना केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि खनन क्षेत्रों की लापरवाहियों और सिस्टम की विफलताओं का आईना है। राहुल रवानी की मौत ने प्रशासन और कंपनियों को यह संदेश दिया है कि अब जनता चुप नहीं बैठेगी।
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न्याय के लिए एकजुटता का समय
अब समय है कि हम सब मिलकर सुरक्षित खनन, पारदर्शी प्रबंधन और मजदूरों के अधिकारों की मांग को और मजबूत करें। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि संघर्ष की आवाज और दूर तक पहुंचे।