
#डुमरी #शैक्षणिकभ्रमण : सिलीगुड़ी, सिक्किम, दार्जिलिंग और बॉर्डर क्षेत्रों का करेंगे अनुभव
- एक्सेल थ्री डी इंग्लिश मीडियम स्कूल नवाडीह के छात्रों का शैक्षणिक भ्रमण प्रारंभ।
- 24 विद्यार्थी और 4 शिक्षक-शिक्षिकाएं यात्रा में शामिल हुए।
- यात्रा का उद्देश्य पाठ्यपुस्तक से बाहर ज्ञान और अनुभव प्रदान करना।
- छात्र देखेंगे सिलीगुड़ी, गंगटोक, सिक्किम, दार्जिलिंग और बॉर्डर क्षेत्र।
- स्कूल डायरेक्टर सुनील राम ने इसे सर्वांगीण विकास का अवसर बताया।
डुमरी (गुमला): एक्सेल थ्री डी इंग्लिश मीडियम स्कूल, नवाडीह के छात्र-छात्राएं आज सात दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण पर रवाना हुए। इस अवसर पर बच्चों और अभिभावकों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। स्कूल प्रबंधन का कहना है कि इस यात्रा से छात्रों को न केवल मनोरंजन मिलेगा, बल्कि ज्ञान, अनुभव और व्यक्तित्व विकास के नए आयाम भी खुलेंगे।
यात्रा का उद्देश्य और महत्व
विद्यालय प्रबंधन ने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य बच्चों को पाठ्यपुस्तक की सीमाओं से बाहर निकालना और उन्हें व्यावहारिक अनुभवों से जोड़ना है। छात्र-छात्राएं रांची से रेलमार्ग द्वारा सिलीगुड़ी, गंगटोक, सिक्किम, दार्जिलिंग, चीन बॉर्डर और नेपाल बॉर्डर तक की यात्रा करेंगे। यहां वे प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विरासत, ऐतिहासिक स्थल और भौगोलिक विविधता का प्रत्यक्ष अनुभव करेंगे।
स्कूल प्रबंधन की दृष्टि
विद्यालय के डायरेक्टर श्री सुनील राम ने कहा,
“पाठ्यपुस्तक से बाहर की जानकारी प्राप्त करने से बच्चों में जिज्ञासा बढ़ती है और उनकी सोचने-समझने की क्षमता में विकास होता है। इस तरह की गतिविधियां बच्चों को आत्मनिर्भर बनाती हैं और उन्हें सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश से परिचित कराती हैं।”
उन्होंने उम्मीद जताई कि यह यात्रा छात्रों के लिए एक यादगार अनुभव साबित होगी और उनके सर्वांगीण विकास में सहायक होगी।
अभिभावकों और बच्चों का उत्साह
इस मौके पर अभिभावकों ने भी बच्चों को शुभकामनाएं दीं। अभिभावकों का कहना था कि इस तरह की शैक्षणिक यात्राएं बच्चों को नई ऊर्जा और आत्मविश्वास देती हैं। वहीं बच्चे इस यात्रा को लेकर अत्यधिक उत्साहित और प्रेरित नजर आए।
स्कूल प्रबंधन ने आश्वासन दिया है कि छात्रों की सुरक्षा और सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
न्यूज़ देखो: किताबों से बाहर अनुभव की उड़ान
इस तरह के शैक्षणिक भ्रमण छात्रों के जीवन में नए आयाम और दृष्टिकोण जोड़ते हैं। यह कदम न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को समृद्ध करता है बल्कि बच्चों के व्यक्तित्व को भी निखारता है।
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शिक्षा का सफर नई दिशाओं की ओर
यह भ्रमण छात्रों को ज्ञान, अनुभव और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने का मार्ग दिखाता है। अब समय है कि ऐसे प्रयासों को और प्रोत्साहित किया जाए। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को साझा करें ताकि शिक्षा का महत्व और गहराई तक पहुंचे।