
#गढ़वा #दुर्गा_विसर्जन : नगर परिषद के प्रयास से श्रद्धा और सौहार्द के वातावरण में सम्पन्न हुआ दुर्गा प्रतिमा विसर्जन, अब तालाब सौंदर्यीकरण और बोटिंग सेवा की तैयारी।
- गढ़वा नगर परिषद क्षेत्र में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन शांति और श्रद्धा के वातावरण में सम्पन्न हुआ।
- परिषद अधिकारियों के अनुसार रामबांध तालाब की 75 प्रतिशत जलकुंभी की सफाई विसर्जन से पहले पूरी कर ली गई थी।
- शरद पूर्णिमा पर परंपरा अनुसार गढ़देवी माँ की मेढ़ निकालने की प्रक्रिया संपन्न हुई।
- निरीक्षण के दौरान शेष 25 प्रतिशत सफाई कार्य को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए गए।
- तालाब में मछली पालन और नौकायन सेवा की दिशा में भी कार्य प्रगति पर है।
गढ़वा नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सुशील कुमार ने बताया कि इस वर्ष दुर्गा पूजा महोत्सव के उपरांत मूर्ति विसर्जन कार्यक्रम पूर्ण शांति, श्रद्धा और सौहार्द के साथ सम्पन्न हुआ। नगर परिषद क्षेत्र के रामबांध तालाब में आयोजित इस विसर्जन के लिए पहले से की गई तैयारी ने आयोजन को सफल बनाया। परिषद द्वारा तालाब की लगभग 75 प्रतिशत जलकुंभी की सफाई पहले ही कर ली गई थी, जिससे विसर्जन में किसी प्रकार की असुविधा नहीं हुई।
परंपरा और मर्यादा के साथ सम्पन्न हुआ विसर्जन
कार्यपालक पदाधिकारी सुशील कुमार ने बताया कि हिंदू पंचांग और सनातन परंपराओं के अनुसार, दुर्गा पूजा के उपरांत आने वाले ‘पचक’ के कारण गढ़देवी माँ की मूर्ति का मेढ़ (शेष भाग) शरद पूर्णिमा के दिन निकाला जाता है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष भी यह प्रक्रिया पूर्ण धार्मिक विधि-विधान और मर्यादा के साथ सम्पन्न की गई।
नगर परिषद की मुस्तैद व्यवस्था
नगर परिषद की ओर से जनरेटर, वेपर लाइट, निगरानी मंच और सफाई व्यवस्था की सघन तैयारी की गई थी। साथ ही सुरक्षा और शांति व्यवस्था के लिए प्रशासनिक टीम तैनात रही। कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि परिषद के कर्मचारियों ने समर्पित भाव से पूरे आयोजन को सफल बनाया।
निरीक्षण और निर्देश
दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के उपरांत आज कार्यपालक पदाधिकारी सुशील कुमार एवं कनिष्ठ अभियंता संदीप कुमार ने रामबांध तालाब का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान शेष 25 प्रतिशत जलकुंभी की सफाई शीघ्र पूरी करने का निर्देश संबंधित संवेदक और कर्मियों को दिया गया। साथ ही सफाई प्रभारी रामानुज प्रसाद को यह भी निर्देश दिया गया कि दुर्गा प्रतिमा विसर्जन से संबंधित जो भी अवशेष (मेढ़) शेष हैं, उनकी तत्काल सफाई सुनिश्चित की जाए।
तालाब में मछली पालन और बोटिंग योजना
सुशील कुमार ने बताया कि रामबांध तालाब को आगामी पांच वर्षों के लिए मछली पालन हेतु निविदा प्रक्रिया के माध्यम से एक संवेदक को आवंटित किया जा चुका है। इस दिशा में कार्य तेजी से प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि शहरवासियों के मनोरंजन हेतु बोटिंग (नौकायन) सेवा भी जल्द प्रारंभ की जाएगी। इसके लिए टिकट प्रणाली के तहत बोट की खरीद पूरी हो चुकी है।
निरीक्षण के दौरान जलकुंभी सफाई कराने वाले संवेदक नीलू खान भी उपस्थित थे, उनका कहना है कि जल्द ही ये काम पूरा कर लिया जाएगा। कार्यपालक पदाधिकारी ने सभी कर्मियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि तालाब परिसर पूरी तरह स्वच्छ और आकर्षक बनाया जाए ताकि श्रद्धालुओं और नागरिकों के लिए यह स्थल सौंदर्य और आस्था का प्रतीक बने।

न्यूज़ देखो: गढ़वा का अनुकरणीय उदाहरण
गढ़वा नगर परिषद द्वारा किया गया यह शांतिपूर्ण और व्यवस्थित दुर्गा प्रतिमा विसर्जन प्रशासनिक समन्वय और जनसहयोग का अनुकरणीय उदाहरण है। नगर परिषद ने जहाँ धार्मिक परंपरा को संजोए रखा, वहीं पर्यावरण और साफ-सफाई को भी प्राथमिकता दी। आने वाले समय में तालाब क्षेत्र का सौंदर्यीकरण और बोटिंग सेवा नगर की पहचान को और ऊँचाई देगा।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
स्वच्छता और सामूहिक जिम्मेदारी का संकल्प
गढ़वा नगर परिषद का यह प्रयास बताता है कि यदि प्रशासन और समाज मिलकर कार्य करें तो हर आयोजन शांति, श्रद्धा और स्वच्छता का प्रतीक बन सकता है। अब ज़रूरत है कि नागरिक भी इस अभियान का हिस्सा बनें, तालाबों और सार्वजनिक स्थलों की स्वच्छता बनाए रखें।
आइए, हम सब मिलकर गढ़वा को स्वच्छ, सुंदर और सांस्कृतिक रूप से जीवंत बनाएं।
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