#चंदवा #दुर्गापूजा : झामुमो केंद्रीय समिति सदस्य का स्वागत, भाईचारे और सद्भावना का संदेश
- जुनैद अनवर, झामुमो केंद्रीय समिति सदस्य ने रक्सी जमीरा दुर्गा मंडल का दौरा किया।
- समिति अध्यक्ष शितमोहन मुंडा और कार्यकारी अध्यक्ष ब्रह्मदेव प्रजापति ने चुनरी ओढ़ाकर स्वागत किया।
- अनवर ने कहा दुर्गा पूजा शक्ति और अच्छाई की जीत का पर्व है।
- उन्होंने बताया कि हर धर्म आपसी प्रेम, भाईचारा और ईमानदारी की सीख देता है।
- अनवर ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सद्भावना और सामाजिक एकता की पहल की सराहना की।
चंदवा (लातेहार)। झामुमो के नवनियुक्त केंद्रीय समिति सदस्य जुनैद अनवर सोमवार को प्रखंड के रक्सी जमीरा दुर्गा मंडल पहुंचे। यहां समिति के अध्यक्ष शितमोहन मुंडा और कार्यकारी अध्यक्ष ब्रह्मदेव प्रजापति के नेतृत्व में पूजा समिति के सदस्यों ने चुनरी ओढ़ाकर उनका पारंपरिक स्वागत किया।
दुर्गा पूजा का महत्व
अपने संबोधन में जुनैद अनवर ने कहा कि दुर्गा पूजा शक्ति, साहस और बुराई पर अच्छाई की विजय का पर्व है। उन्होंने कहा कि मां दुर्गा की आराधना ही इस पर्व का मुख्य उद्देश्य है। पौराणिक कथाओं के अनुसार देवी ने नौ दिनों तक राक्षस महिषासुर से युद्ध कर दशहरे के दिन उसका वध किया, तभी से यह पर्व विजयादशमी के रूप में मनाया जाता है।
जुनैद अनवर ने कहा: “संसार का हर धर्म हमें आपसी भाईचारे, सच्चाई और प्रेम से जीने की सीख देता है।”
सामाजिक एकता और राजनीतिक कटाक्ष
अनवर ने कहा कि दुर्भाग्यवश कुछ राजनीतिक दल अपने स्वार्थ के लिए समाज में जहर घोलने का काम कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल की सराहना करते हुए कहा कि वे राज्य में सद्भावना और सामाजिक एकता की मिसाल कायम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री सभी वर्गों और धर्मों को साथ लेकर चलने में विश्वास रखते हैं।
सम्मान और आभार
इस अवसर पर अनवर ने रक्सी दुर्गा मंडल को आमंत्रण और स्वागत के लिए धन्यवाद दिया। मौके पर समिति अध्यक्ष शितमोहन मुंडा, कुंवर अजीत लाल नाथ शाहदेव, झामुमो प्रखंड कोषाध्यक्ष धीरज जयसवाल, कार्यकारी अध्यक्ष ब्रह्मदेव प्रजापति, धन्नू खान, पूर्व झामुमो युवा मोर्चा अध्यक्ष बबलू राही, देवरत्न गिरी, शिवशंकर प्रजापति, धीरज प्रजापति, रविंद्र यादव, धनराज प्रजापति समेत बड़ी संख्या में महिलाएं भी मौजूद थीं।
न्यूज़ देखो: भाईचारे का संदेश ही असली शक्ति
जुनैद अनवर का यह संदेश धार्मिक आस्था के बीच सामाजिक सौहार्द को मजबूत करता है। राजनीतिक मतभेदों के दौर में यह बयान राज्य में भाईचारे और एकता की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
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धर्म से प्रेरणा, समाज में एकता
त्योहार केवल आस्था का प्रतीक नहीं बल्कि समाज को जोड़ने का माध्यम भी हैं। दुर्गा पूजा से हमें अच्छाई की राह चुनने और भाईचारे को मजबूत करने की प्रेरणा मिलती है। अब समय है कि हम सभी धर्म और जाति से ऊपर उठकर समाज में शांति और सद्भाव का वातावरण बनाएं। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को साझा करें ताकि यह सकारात्मक संदेश दूर तक पहुंचे।