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111वीं वर्षगांठ पर ऐतिहासिक होगी दुर्गा पूजा, मेदिनीनगर बंगीय समाज ने शुरू की तैयारी

#मेदिनीनगर #DurgaPuja2025 : बंगीय दुर्गाबाड़ी में हुआ मीटिंग हॉल का उद्घाटन — नई पूजा समिति का गठन

बंगीय समाज में उमंग की लहर, मीटिंग हॉल का उद्घाटन और बैठक सम्पन्न

मेदिनीनगर के बंगीय दुर्गाबाड़ी परिसर में रविवार की शाम को ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष देवेश मोइत्रा की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। बैठक की शुरुआत वरिष्ठ नागरिक झरना सेन द्वारा नवनिर्मित मीटिंग हॉल के उद्घाटन से हुई, जिसमें उन्होंने फीता काटकर समाज के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने सभी को आगामी दुर्गा पूजा की अग्रिम शुभकामनाएं दीं।

2024 की पूजा रिपोर्ट पेश, नए दायित्वों का हुआ निर्धारण

बैठक में वर्ष 2024 में आयोजित दुर्गा पूजा, काली पूजा, लक्ष्मी पूजा, सरस्वती पूजा तथा विपद तारिणी पूजा का आय-व्यय विवरण प्रस्तुत किया गया। अंकेक्षक की टिप्णी के बाद रिपोर्ट को ध्वनिमत से पारित किया गया। इसके साथ ही वर्ष 2025 के लिए पूजा समिति का पुनर्गठन भी सर्वसम्मति से किया गया।

पूजा समिति 2025 : अनुभव और युवा ऊर्जा का संतुलन

नई पूजा समिति इस प्रकार घोषित की गई:

अगली बैठक में समिति अन्य पदाधिकारियों का चयन करेगी।

111वीं वर्षगांठ को ऐतिहासिक बनाने की तैयारी

सचिव जयंत विश्वास ने कहा: “इस वर्ष हमारी दुर्गा पूजा की 111वीं वर्षगांठ है। हम इसे पूरे भव्यता और परंपरा के साथ स्मरणीय और ऐतिहासिक रूप देने का प्रयास करेंगे। शहर और आसपास के लोगों का सहयोग हमारे लिए अमूल्य रहा है, इस बार भी हम उसी उत्साह से आयोजन करेंगे।”

सामाजिक समरसता का उत्सव

बैठक में दीपक बागची, सतेंद्र नाथ भट्टाचार्य, देब प्रसाद बनर्जी, नंदोब्रतो बोराल, देवाशीष सेनगुप्ता, सजल चक्रवर्ती, काजल घोष, पीपी गुप्ता, तमन्ना मल्लिक, मल्लिका मोइत्रा, सुकुमार पाल, तुषार बोराल, सौभीक दत्ता समेत कई वरिष्ठ व सक्रिय सदस्य मौजूद रहे। सभी ने पूजा को सांस्कृतिक एकता, सामाजिक समरसता और परंपरा की पहचान के रूप में भव्य रूप देने का संकल्प लिया।

न्यूज़ देखो: परंपरा, संस्कृति और सहभागिता का संगम

मेदिनीनगर की बंगीय दुर्गा पूजा न सिर्फ धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह पूरे समाज की सांस्कृतिक एकता, सामाजिक भागीदारी और ऐतिहासिक परंपरा का प्रतीक है। 111 वर्षों की यात्रा, सिर्फ पूजा नहीं, एक सभ्यता का उत्सव है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

आस्था और संस्कृति की मशाल जलती रहे

आइए, हम सब मिलकर इस वर्ष 111वीं दुर्गा पूजा को और भी गरिमामय बनाएं। अपने विचार साझा करें, खबर को दूसरों तक पहुंचाएं और आने वाली पीढ़ियों को संस्कृति और एकता की प्रेरणा दें।
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