
#सिमडेगा #विजयादशमी : अलबर्ट एक्का स्टेडियम में हजारों की उपस्थिति में रावण दहन का आयोजन उत्साह और भक्ति का अद्भुत संगम
- विजयादशमी पर सिमडेगा के अलबर्ट एक्का स्टेडियम में रावण दहन का भव्य आयोजन।
- बंगाल से आए कलाकारों की शानदार आतिशबाजी ने माहौल को रोमांचक बनाया।
- उपायुक्त कंचन सिंह और पुलिस अधीक्षक ने बच्चों संग अग्निबाण प्रज्वलित कर किया रावण दहन।
- उपायुक्त ने कहा – राम करुणा और मर्यादा के प्रतीक हैं, हमें अपने अंदर के रावण को नष्ट करना होगा।
- कार्यक्रम में हजारों लोगों की मौजूदगी, जय श्रीराम के गगनभेदी नारे गूंजे।
विजयादशमी का पर्व इस वर्ष सिमडेगा जिला मुख्यालय स्थित अलबर्ट एक्का स्टेडियम में अभूतपूर्व उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया गया। नवरात्र की पूजा-अर्चना के बाद जब रावण का विशाल पुतला अग्निबाण से प्रज्वलित हुआ तो वातावरण जय श्रीराम के नारों और आतिशबाजी की चमक से गूंज उठा।
भव्य आतिशबाजी और जयकारों से गूंजा स्टेडियम
बंगाल से आए कलाकारों की आतिशबाजी ने शाम को यादगार बना दिया। रंग-बिरंगी रोशनी से आकाश जगमगा उठा और पूरा मैदान उत्सव की ऊर्जा से भर गया। हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी और श्रद्धालु उत्सव के इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने।
परंपरागत सम्मान और आगंतुक अतिथि
कार्यक्रम से पूर्व रावण दहन समिति की ओर से प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजीव कुमार सिन्हा, उपायुक्त श्रीमती कंचन सिंह, पुलिस अधीक्षक एम. अर्शी, उप विकास आयुक्त दीपांकर चौधरी और अनुमंडल पदाधिकारी प्रभात रंजन ज्ञानी का चुनरी और तलवार भेंटकर परंपरागत सम्मान किया गया।
उपायुक्त का प्रेरणादायी संदेश
जनसमूह को संबोधित करते हुए उपायुक्त कंचन सिंह ने सभी को जोहार किया और आशीर्वाद मांगा। उन्होंने भगवान श्रीराम के जीवन से सीख लेने का आह्वान करते हुए कहा कि राम आज भी पूज्य हैं क्योंकि उनमें करुणा, मर्यादा और सेवा भाव था।
उपायुक्त कंचन सिंह: “आज का यह पर्व केवल पुतला दहन का नहीं है बल्कि अपने भीतर की बुराइयों को समाप्त कर प्रेम, सत्य और मर्यादा का संकल्प लेने का है। यही रामराज्य की परिकल्पना को साकार करेगा।”
उन्होंने विशेष रूप से 2 अक्टूबर की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती को भी याद किया और कहा कि गांधीजी ने सत्य और अहिंसा के बल पर रामराज्य की परिकल्पना की थी, जिसका सपना अब योजनाओं के माध्यम से साकार करने का प्रयास जारी है।
पुलिस अधीक्षक और न्यायाधीश का संबोधन
पुलिस अधीक्षक एम. अर्शी ने हजारों की भीड़ देखकर इसे उत्सव की भव्यता का प्रतीक बताया। उन्होंने लोगों से सुरक्षा और सतर्कता बनाए रखने की अपील की। वहीं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजीव कुमार सिन्हा ने विजयादशमी को आत्ममंथन का पर्व बताते हुए कहा कि हमें अपने भीतर के अहंकार और द्वेष को मिटाना चाहिए।
जय श्रीराम के नारों के बीच हुआ समापन
रावण दहन के साथ ही आतिशबाजी का रंगारंग प्रदर्शन शुरू हुआ। आकाश चमक उठा और पूरा मैदान जय श्रीराम के नारों से गूंजता रहा। हजारों की उपस्थिति में विजयादशमी का यह पर्व सिमडेगा के इतिहास में यादगार बन गया।

न्यूज़ देखो: असत्य पर सत्य की विजय का शाश्वत संदेश
सिमडेगा का यह उत्सव केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि समाज में एकता, मर्यादा और सत्य के प्रति आस्था का प्रतीक है। उपायुक्त के संदेश ने स्पष्ट किया कि रामराज्य तभी साकार होगा जब हम अपने भीतर के रावण का दहन करेंगे। विजयादशमी का यह पर्व हर साल हमें यही याद दिलाता है कि असत्य और अहंकार का अंत निश्चित है।
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अब समय है अपने अंदर के रावण को पहचानने का
सिमडेगा की इस भव्य विजयादशमी ने साबित किया कि सत्य, प्रेम और करुणा ही जीवन का आधार हैं। अब समय है कि हम सब मिलकर अपने अंदर की बुराइयों को मिटाएं और समाज में भाईचारा, शांति और विकास का दीप जलाएं। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि अधिक से अधिक लोग इस प्रेरणा से जुड़ सकें।