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रघुवर सरकार के दोहरी नियोजन नीति के समय गढ़वा भाजपा को सांप सूँघ गया था – धीरज दुबे

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#गढ़वा #नियोजननीति_विवाद : झामुमो नेता धीरज दुबे ने उठाए पुराने सवाल — भाजपा के शासनकाल में दोहरी नीति से युवाओं को हुआ नुकसान
  • झामुमो ने दोहरी नियोजन नीति को लेकर भाजपा पर बोला हमला
  • धीरज दुबे ने कहा— रघुवर सरकार में गढ़वा भाजपा मौन थी
  • 75% नौकरी स्थानीय युवाओं को देने की नीति की तारीफ की
  • झारखंड हाईकोर्ट ने रघुवर सरकार की नीति को किया था रद्द
  • भाषा आधारित सुझाव लेने की पहल को बताया सकारात्मक
  • 2019 में भाजपा को हराना जनता का निर्णय बताया

रघुवर सरकार की नीति पर झामुमो का प्रहार

गढ़वा में बुधवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय सदस्य धीरज दुबे ने एक प्रेस वार्ता में रघुवर दास सरकार की दोहरी नियोजन नीति को लेकर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि उस समय स्थानीय युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ किया गया, और सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात यह रही कि गढ़वा भाजपा नेताओं ने चुप्पी साध ली, मानो उन्हें सांप सूंघ गया हो

धीरज दुबे ने कहा: “रघुवर दास सरकार के दौरान स्थानीयता को लेकर कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं थी, जिससे पलामू और गढ़वा के युवा नौकरी से वंचित रह गए। उस समय गढ़वा भाजपा पूरी तरह चुप थी। न कोई आंदोलन किया, न ही जनता की आवाज को सदन में उठाया।”

स्थानीय युवाओं के साथ अन्याय, झामुमो का आरोप

धीरज दुबे ने आरोप लगाया कि नियोजन नीति में स्थानीयता की अस्पष्टता के कारण राज्य के हजारों युवाओं को नुक़सान उठाना पड़ा। जबकि पूरे राज्य में छात्र-नौजवान प्रदर्शन कर रहे थे, गढ़वा के भाजपा नेता केवल तमाशा देख रहे थे। उन्होंने सवाल किया कि क्या गढ़वा भाजपा की चुप्पी रघुवर सरकार की जनविरोधी नीतियों के समर्थन में थी?

वर्तमान सरकार की नीति को बताया पारदर्शी

प्रेस वार्ता में धीरज दुबे ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार ने 75% नौकरियों को स्थानीय युवाओं के लिए आरक्षित किया, जिससे रोजगार की दिशा में एक बड़ी पहल हुई है। उन्होंने भाजपा पर चुनावी नारेबाजी और झूठे वादों से जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया।

धीरज दुबे ने कहा: “जनता अब सब जान चुकी है। अब उन्हें स्थायित्व और विकास चाहिए, न कि भ्रम और वादों का जाल।”

भाषा नीति और न्यायालय का जिक्र

धीरज दुबे ने कहा कि झारखंड की वर्तमान सरकार न केवल रोजगार बल्कि भाषा-संस्कृति के मुद्दे पर भी गंभीर है। प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों से क्षेत्रीय भाषा पर सुझाव मांगे हैं, जो सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाता है। साथ ही उन्होंने याद दिलाया कि झारखंड उच्च न्यायालय ने रघुवर सरकार की नीति को रद्द कर दिया था, जो यह साबित करता है कि वह नीति जनविरोधी थी।

जनता से झामुमो की अपील

झामुमो ने गढ़वा की जनता से अपील की कि वे सच और झूठ में फर्क करें। धीरज दुबे ने कहा कि भाजपा को अब यह स्वीकार करना चाहिए कि उनके शासन में युवाओं के साथ अन्याय हुआ। जनता ने 2019 के चुनाव में भाजपा को सत्ता से बेदखल कर स्पष्ट संकेत दिया है कि अब स्थायित्व, रोजगार और पारदर्शिता ही प्राथमिकता है

न्यूज़ देखो: नीति, राजनीति और जवाबदेही का सवाल

गढ़वा में झामुमो द्वारा उठाए गए सवाल न केवल राजनीतिक हैं, बल्कि युवाओं के भविष्य से जुड़े गंभीर प्रश्न भी हैं। नियोजन नीति जैसे मुद्दे पर गढ़वा भाजपा की चुप्पी बताती है कि तब जनहित से ऊपर राजनीतिक हित थे। ‘न्यूज़ देखो’ ऐसे ही मौन विषयों को आवाज़ देता है और राजनीतिक जवाबदेही की मांग करता है। हम स्थानीय मुद्दों को सतह पर लाने और उनके पीछे छिपी सच्चाई को सामने रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

युवाओं की आवाज़ बने, जनहित के मुद्दों पर रहें जागरूक

समाज तभी आगे बढ़ता है जब जनता सवाल करना सीखती है। यदि आपकी जानकारी में ऐसा कोई मामला है, जिसमें युवाओं या स्थानीय हितों की अनदेखी हुई है, तो आवाज़ उठाइए। इस खबर पर अपने विचार साझा करें, आर्टिकल को रेट करें और उन लोगों के साथ शेयर करें जो इस मुद्दे से जुड़ाव रखते हैं।

Tags: नियोजन नीति, झारखंड राजनीति

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