Latehar

दो साल से अंधेरे में दुरूप पंचायत — ग्रामीणों ने डीसी से लगाई गुहार, नहीं तो करेंगे आंदोलन

#महुआडांड़ #लातेहारबिजलीसंकट – बिजली विहीन जीवन से जूझ रहे अनुसूचित जाति-जनजाति बहुल गांवों में गहराया संकट

  • ग्राम दुरूप, दौना, छगरही, पुरानडीह समेत कई गांवों में दो वर्षों से बिजली गायब
  • लखेपुर पावर हाउस से कनेक्शन जोड़ने की मांग, घटिया केबल बदलने की अपील
  • ग्रामीणों ने लातेहार उपायुक्त को सौंपा सामूहिक आवेदन
  • ग्रामीणों ने ट्रांसफॉर्मर और उपकरणों की भी की मांग
  • अनसुनी के चलते अब चेतावनी — जल्द समाधान नहीं हुआ तो करेंगे चरणबद्ध आंदोलन
  • ग्राम प्रधान और पंचायत समिति सदस्य ने भी जताई चिंता

वर्षों से अंधेरे में हैं ये गांव, अब उठा जनता का सब्र का बांध

लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड अंतर्गत दुरूप पंचायत के कई गांव — दुरूप, दौना, छगरही, पुरानडीह, मेढ़रूआ, बरदोनी कला, करमटोली आदि — पिछले लगभग दो वर्षों से पूरी तरह बिजली से वंचित हैं।

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि इस समस्या के कारण उनका जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। बच्चों की पढ़ाई से लेकर खेती-किसानी तक हर कार्य प्रभावित हो रहा है।

उपायुक्त को सौंपा गया आवेदन, दर्जनों ग्रामीणों के हस्ताक्षर

दुरूप पंचायत के ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से उपायुक्त लातेहार को एक लिखित आवेदन सौंपकर अपनी बिजली समस्याओं को दूर करने की मांग की है। आवेदन में कहा गया है कि लखेपुर पावर हाउस से दुरूप चौक तक विद्युत लाइन जोड़ी जाए, ताकि क्षेत्र को बिजली मिल सके।

“छगरही टोला से दुरूप तक जो केबल लगाया गया है, वह घटिया क्वालिटी का है। इसे अविलंब बदला जाए,”
— ग्रामीणों का आवेदन में उल्लेख

ट्रांसफॉर्मर और अन्य आवश्यक उपकरणों की मांग भी आवेदन में की गई है, ताकि बिजली आपूर्ति सुचारु रूप से चालू हो सके। आवेदन में दर्जनों ग्रामीणों ने हस्ताक्षर और अंगूठा लगाकर समर्थन जताया, जिसमें ग्राम प्रधान, पंचायत समिति सदस्य और अन्य जिम्मेदार लोग भी शामिल रहे।

अनुसूचित जाति-जनजाति बहुल इलाकों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव

दुरूप पंचायत के अधिकांश टोले — दौना, बसेरिया, सुथनिया टांड, बालामहुआ, कर्मटोली आदि में रहने वाले अधिकांश लोग अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय से हैं। वे पहले से ही स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क और जल जैसी सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं, अब बिजली की अनुपस्थिति ने उनकी परेशानियों को और बढ़ा दिया है।

ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि कई बार वे स्थानीय अधिकारियों को इस समस्या से अवगत करा चुके हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई अब तक नहीं हुई। अंततः उन्हें उपायुक्त तक पहुंचना पड़ा।

प्रशासन पर बढ़ा दबाव, ग्रामीणों की चेतावनी : नहीं सुनी गई बात, तो होगा आंदोलन

ग्राम प्रधान और पंचायत समिति सदस्य ने भी प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द बिजली व्यवस्था बहाल की जाए। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि अब भी प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया, तो वे चरणबद्ध आंदोलन शुरू करेंगे।

“हमने बहुत बार प्रशासन से गुहार लगाई, अब अगर हमारी आवाज़ नहीं सुनी गई तो हम शांत नहीं बैठेंगे,”
— ग्रामवासी (आवेदन में उल्लेख)

न्यूज़ देखो : जहां जनता की आवाज़ दबे, वहाँ हम सबसे पहले

न्यूज़ देखो जनता की उन समस्याओं को प्रमुखता से सामने लाता है जो वर्षों से अनदेखी हो रही हैं। दुरूप पंचायत की बिजली समस्या एक प्रशासनिक असंवेदनशीलता का गंभीर उदाहरण है।
हम हर गांव की आवाज़ बनेंगे, जब तक समाधान नहीं मिलेगा।

अंधेरे से उजाले की ओर चलें — न्यूज़ देखो के साथ

यदि आप भी ऐसी किसी समस्या से जूझ रहे हैं, तो न्यूज़ देखो को भेजें अपनी जानकारी। आपकी आवाज़ को हम प्रशासन तक पहुंचाएंगे, निष्पक्षता और ज़िम्मेदारी के साथ।

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