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नम आंखों से मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के साथ सम्पन्न हुआ दशहरा पर्व

#विशुनपुरा #दुर्गापूजा_विसर्जन : बारिश के बीच भी उमड़ा भक्तों का सैलाब, महिलाओं की अभूतपूर्व भागीदारी से गूंजा जयकारों का माहौल

शारदीय नवरात्र और विजयादशमी का पर्व शुक्रवार को पूरे विशुनपुरा प्रखंड में मां दुर्गा की प्रतिमाओं के विसर्जन के साथ भक्ति, श्रद्धा और हर्षोल्लास के वातावरण में सम्पन्न हुआ। विभिन्न पूजा समितियों के सदस्यों और ग्रामीणों ने विधि-विधान से आरती उतारी, खोइछा भरा और मां को नम आंखों से अंतिम विदाई दी। खासकर महिला श्रद्धालुओं ने मां को बेटी की तरह विदाई दी, जिससे पूरा माहौल भावुक हो उठा और हर ओर भक्ति का ज्वार उमड़ पड़ा।

महिलाओं की अभूतपूर्व भागीदारी

इस वर्ष प्रतिमा विसर्जन में महिलाओं की भागीदारी ने सबका ध्यान खींचा। हर मोहल्ले और गांव से महिलाएं ढोल-नगाड़ों की थाप पर थिरकते हुए विसर्जन जुलूस में शामिल हुईं। उनके सिर पर बंधे मां दुर्गा के पट्टे और गूंजते जयकारों ने पूरे वातावरण को भक्ति से सराबोर कर दिया। बच्चियां भी मातृशक्ति के गीतों पर झूमती नजर आईं।
न्यू यंग मैन ग्रुप, पुरानी बाजार द्वारा निकाले गए जुलूस में सैकड़ों महिला श्रद्धालुओं की भागीदारी ने माहौल को और भव्य बना दिया।

तीन किलोमीटर लंबी भक्ति यात्रा

पुरानी बाजार से आरंभ हुई प्रतिमा विसर्जन यात्रा गांधी चौक, अपर बाजार, लाल चौक और विष्णु मंदिर रोड होते हुए नगदी जलाशय पहुंची। लगभग तीन किलोमीटर की दूरी तय करते हुए श्रद्धालु भक्ति गीतों के साथ मां की प्रतिमा को लेकर आगे बढ़ते रहे। मार्ग में भक्तों द्वारा लगातार फूलों की वर्षा की जा रही थी। बारिश के बावजूद भक्तों के उत्साह में कोई कमी नहीं थी।

पूजा समिति के अध्यक्ष राजेश सोनी ने कहा: “हम अपने पूर्वजों की परंपरा को निभाते हुए मां की प्रतिमा को कंधों पर लेकर विसर्जन करते आ रहे हैं। यह हमारी आस्था और संस्कार का प्रतीक है।”

गांव-गांव गूंजे जयकारे

मुख्यालय के अलावा कोचेया, संध्या, पोखरा चौक, अपर बाजार, पिपरी, अमहर, सोनडीहा, जतपुरा, सरांग, पतिहारी, चितरी सहित कई गांवों में भी प्रतिमा विसर्जन यात्राएं निकाली गईं। भक्तजन अपने निर्धारित नदी और तालाबों में मां की प्रतिमाओं का विसर्जन करते नजर आए।
बारिश और थकान के बावजूद लोग ढोल-नगाड़ों की थाप पर झूमते रहे। बच्चों और महिलाओं की उमंग से पूरा इलाका भक्ति और उल्लास से भर गया।

प्रशासन की मुस्तैद व्यवस्था

विसर्जन के दौरान थाना प्रभारी राहुल सिंह के नेतृत्व में चौक-चौराहों और संवेदनशील इलाकों में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। पुलिस की सतर्कता और ग्रामीणों के सहयोग से पूरे प्रखंड में प्रतिमा विसर्जन शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से सम्पन्न हुआ। प्रशासन की सतर्क निगरानी से कहीं कोई अप्रिय घटना नहीं घटी, जिसके लिए ग्रामीणों ने पुलिस की सराहना की।

आस्था और उल्लास का संगम

प्रतिमा विसर्जन के साथ ही पूरा विशुनपुरा मां दुर्गा की भक्ति और आस्था से आलोकित हो उठा। श्रद्धालुओं का कहना था कि मां की कृपा से बुराई पर अच्छाई की विजय का यह पर्व सदा जीवित रहे। हर घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास हो, यही मां से सभी की प्रार्थना थी।

न्यूज़ देखो: आस्था और एकता का अद्भुत उदाहरण

विशुनपुरा में दशहरा पर्व का आयोजन यह संदेश देता है कि भक्ति का अर्थ केवल पूजा नहीं, बल्कि सामूहिक एकता और अनुशासन भी है। बारिश और कठिनाइयों के बावजूद जिस तरह हजारों श्रद्धालुओं ने भागीदारी की, वह समाज की सांस्कृतिक जीवंतता का परिचायक है। प्रशासन और जनता के सामूहिक प्रयास ने इस पर्व को एक यादगार और अनुशासित आयोजन बनाया।

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भक्ति में भी अनुशासन जरूरी

मां दुर्गा के आशीर्वाद से संपन्न हुआ यह पर्व हमें सिखाता है कि भक्ति में आस्था के साथ व्यवस्था और अनुशासन भी उतना ही आवश्यक है। अब समय है कि हम इस परंपरा को आगे बढ़ाएं और हर धार्मिक आयोजन में सामूहिकता, शांति और सहयोग की भावना को मजबूत करें।
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