
हाइलाइट्स :
- लातेहार के तुबेद कोल माइंस से डीवीसी ने पूरा किया 4 मिलियन टन कोयला उत्पादन लक्ष्य।
- उपलब्धि का जश्न डीवीसी अधिकारियों और कर्मचारियों ने केक काटकर मनाया।
- ऊर्जा आत्मनिर्भरता और राष्ट्रीय औद्योगिक विकास में मिलेगी मजबूती।
- रोजगार और स्थानीय आर्थिक विकास को भी मिली गति।
- भविष्य में उत्पादन क्षमता और बढ़ाने की योजना।
डीवीसी की बड़ी उपलब्धि
लातेहार, झारखंड: दामोदर वैली कॉर्पोरेशन (DVC) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान लातेहार जिले के तुबेद कोल माइंस से 4 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य सफलतापूर्वक प्राप्त कर लिया है। सोमवार रात करीब नौ बजे डीवीसी के अधिकारियों और कर्मचारियों ने इस उपलब्धि का जश्न केक काटकर मनाया।
ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम
डीवीसी के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस उपलब्धि को देश की ऊर्जा सुरक्षा और औद्योगिक विकास के लिए अहम बताया।
“तुबेद कोल माइंस की यह सफलता हमारी उत्पादन क्षमता और दक्षता को दर्शाती है। इससे आने वाले समय में देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में और अधिक मदद मिलेगी” — डीवीसी वरिष्ठ अधिकारी।
राष्ट्रीय विकास को मिलेगी मजबूती
इस उत्पादन के जरिये डीवीसी की थर्मल पावर परियोजनाओं को स्थायित्व मिलेगा, जिससे बिजली उत्पादन में निरंतरता बनी रहेगी। यह कदम सरकार के उस प्रयास का हिस्सा है, जो घरेलू कोयला उत्पादन बढ़ाकर विदेशी आयात पर निर्भरता को कम करने की दिशा में काम कर रहा है।
स्थानीय रोजगार और स्थिरता पर प्रभाव
डीवीसी के मुताबिक, इस परियोजना से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़े हैं और आर्थिक विकास को भी गति मिली है। साथ ही, पर्यावरण अनुकूल तकनीकों को अपनाकर खनन प्रक्रिया को टिकाऊ बनाया जा रहा है।
भविष्य की योजनाएं
डीवीसी की योजना है कि आने वाले वर्षों में कोयला उत्पादन क्षमता को और बढ़ाया जाए, जिससे देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को लंबे समय तक पूरा किया जा सके।
‘न्यूज़ देखो’ की नज़र
क्या झारखंड का कोयला उत्पादन भविष्य में ऊर्जा आत्मनिर्भर भारत की दिशा को और मजबूत करेगा? ‘न्यूज़ देखो’ ऐसे विकास कार्यों और उनके स्थानीय प्रभाव पर लगातार नजर रखेगा और आपको समय-समय पर अपडेट देता रहेगा।
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