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बरवाडीह में इको विकास समिति अध्यक्ष पद का चुनाव हंगामे के बीच संपन्न, विपक्षी दावेदारों ने किया विरोध

#बरवाडीह #वनविकासचुनाव : हंगामे के बीच ग्रामसभा में साजिद अंसारी को विजयी घोषित किया गया, विपक्षी दावेदारों ने पुलिस में आवेदन देकर आरोप लगाए

बरवाडीह के जनता लॉज परिसर में आयोजित ग्रामसभा में मंगलवार को इको विकास समिति के अध्यक्ष पद के चुनाव ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। पीटीआर उत्तरी के डिप्टी डायरेक्टर पीके जेना के निर्देशन में और रेंजर उमेश कुमार दूबे की उपस्थिति में चुनाव संपन्न हुआ, लेकिन तीन प्रमुख दावेदारों के बीच नोंकझोंक और मारपीट के कारण स्थिति बिगड़ गई।

हंगामे का कारण और पुलिस हस्तक्षेप

चुनाव के दौरान दावेदार साजिर अंसारी, मुकेश भूईंया और अनिश अंसारी में विवाद शुरू हुआ। विपक्षी दावेदारों के समर्थक और ग्रामीणों के बीच हाथापाई हुई, जिससे वन-प्रबंधन को बरवाडीह थाना से पुलिस बल बुलाना पड़ा। पुलिस बल के पहुंचने पर केवल साजिद अंसारी के समर्थक उपस्थित थे, जबकि अन्य पक्ष के लोग भगदड़ में भाग गए।

विजयी घोषणा और मतदान

स्थिति का जायजा लेने के बाद वन-प्रबंधन ने सभी उम्मीदवारों को पुनः ग्रामसभा में आने का निमंत्रण दिया, लेकिन कोई उपस्थित नहीं हुआ। इसके बाद पंसस प्रतिनिधि बिनोद यादव की अध्यक्षता में चुनाव कराए गए। उपस्थित 180 पुरुष और 129 महिला मतदाताओं ने साजिद अंसारी के पक्ष में मतदान किया। इस तरह उन्हें 309 मतों से विजयी घोषित किया गया।

विपक्ष का आरोप और शिकायत

चुनाव के बाद विपक्षी उम्मीदवार अनिश अंसारी और मुकेश भूईंया ने बरवाडीह थाना में आवेदन देकर आरोप लगाया कि विजयी उम्मीदवार और उसके समर्थकों ने मारपीट, धमकी और वन अधिकारियों के साथ मिलकर चुनाव में धांधली की। आवेदन में कहा गया कि उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गई।

थाना प्रभारी अनूप कुमार ने कहा: “मामले की जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।”

उपस्थित लोग

चुनाव के दौरान ग्रामसभा में रेंजर उमेश कुमार दूबे, सांसद प्रतिनिधि मोहिबुद्दीन अंसारी, वनपाल संतोष सिंह, रामकुमार, शशांक शेखर पांडेय, बरवाडीह थाना के एसआई उपेंद्र सिंह सहित कई अधिकारी और ग्रामीण मौजूद रहे।

न्यूज़ देखो: लोकतंत्र में पारदर्शिता और सुरक्षा

बरवाडीह में इको विकास समिति के चुनाव ने यह दिखाया कि लोकतंत्र और ग्रामस्तरीय चुनाव में पारदर्शिता बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। प्रशासन और पुलिस की सक्रियता से हंगामे को नियंत्रित किया गया, लेकिन विपक्ष के आरोप यह संकेत देते हैं कि पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और मजबूत कदम उठाने की आवश्यकता है।

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