
#गिरिडीह #शिक्षा_समीक्षा : समाहरणालय सभागार में हुई बैठक में विद्यालयों की गुणवत्ता, उपस्थिति, योजनाओं के लाभ और निगरानी तंत्र को मजबूत करने के निर्देश
- बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त रामनिवास यादव ने की।
- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, समावेशिता व इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष जोर।
- बायोमेट्रिक उपस्थिति, स्मार्ट क्लास, ICT लैब की समीक्षा।
- सभी BEEO को नियमित निरीक्षण का निर्देश।
- पोशाक, छात्रवृत्ति, मिड-डे मील और ई-विद्यवाहिनी पर विस्तृत समीक्षा।
गिरिडीह। सोमवार को समाहरणालय सभागार में उपायुक्त रामनिवास यादव की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की व्यापक समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में उपायुक्त ने प्राथमिक और उच्च विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता, समावेशिता और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर गहन चर्चा की। उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था को अधिक परिणामोन्मुख, पारदर्शी और तकनीक-सक्षम बनाना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
विद्यालयों में बायोमेट्रिक उपस्थिति और संसाधनों के उपयोग पर कड़ा निर्देश
उपायुक्त ने सभी शिक्षकों, पदाधिकारियों और कर्मियों की बायोमेट्रिक उपस्थिति को अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। साथ ही विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा प्राप्त राशि के पारदर्शी उपयोग, भवनों के बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, स्मार्ट क्लास, ICT लैब, पुस्तकालय और शैक्षणिक वातावरण सुधारने पर जोर दिया गया।
उन्होंने कहा कि विद्यालयों में संसाधनों की उपलब्धता की लगातार निगरानी की जाए और किसी भी प्रकार की कमी या अनियमितता मिलने पर तुरंत जिला मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी जाए।
BEEO-BPO को हर स्कूल का नियमित निरीक्षण करने का आदेश
उपायुक्त ने निर्देश दिया कि सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी अपने-अपने क्षेत्र के विद्यालयों का नियमित निरीक्षण करें।
निरीक्षण में शामिल बिंदु—
- छात्रों एवं शिक्षकों की उपस्थिति
- शौचालय व पेयजल की उपलब्धता
- किचन गार्डेन (पोषण वाटिका)
- मिड-डे मील की गुणवत्ता
- विद्यालय में शैक्षणिक गतिविधियों की नियमितता
उपायुक्त ने स्पष्ट कहा कि बच्चों की शिक्षा में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
योजनाओं की बिंदुवार समीक्षा
बैठक में समग्र शिक्षा, कस्तूरबा विद्यालय, पोशाक वितरण, छात्रवृत्ति, ई-विद्यावाहिनी, पोषण वाटिका, मिड-डे मील और खाद्यान्न की मासिक उपलब्धता की विस्तृत समीक्षा की गई।
उन्होंने कहा कि सभी योजनाओं का लाभ समय पर छात्रों तक पहुँचे और वितरण की प्रक्रिया पारदर्शी हो।
‘मेरा विद्यालय निपुण, मैं भी निपुण’ कार्यक्रम पर विशेष ध्यान
उपायुक्त ने भाषा (हिंदी) सुधार पर फोकस करते हुए सभी BEEO और BPO को निर्देशित किया कि शिक्षक हस्तपुस्तिका की साप्ताहिक योजना के अनुसार बच्चों को पढ़ाएं।
उन्होंने यह भी कहा कि:
- मिड-डे मील के बाद बच्चों को नियमित पठन अभ्यास कराया जाए।
- वार्षिक मूल्यांकन को ध्यान में रखते हुए शैक्षणिक तैयारी मजबूत की जाए।
डेटा एंट्री और MIS सुधार पर जोर
उपायुक्त ने MIC कोऑर्डिनेटर को निर्देश दिया कि वे सभी प्रकार के डेटा को 100% सही तरीके से प्रविष्ट करें और कार्य में तेजी लाते हुए सुधारात्मक प्रगति सुनिश्चित करें।
शिक्षा व्यवस्था में सुधार की प्रतिबद्धता
उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन हर बच्चे तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने अधिकारियों से सजगता, पारदर्शिता और संवेदनशीलता के साथ कार्य करने की अपील की।
न्यूज़ देखो: शिक्षा सुधार की रफ्तार तेज, स्कूलों में बेहतर निगरानी का संदेश
गिरिडीह प्रशासन की यह समीक्षा बैठक स्पष्ट करती है कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए जिला स्तर पर कड़ी मॉनिटरिंग और जिम्मेदारी तय की जा रही है। बायोमेट्रिक उपस्थिति, स्मार्ट क्लास और योजनाओं की पारदर्शिता पर जोर देना पूरे सिस्टम को मजबूत करेगा।
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स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना सबकी जिम्मेदारी
समाज की प्रगति बच्चों की शिक्षा से तय होती है। अभिभावक, शिक्षक और प्रशासन—सभी का मिलकर प्रयास जरूरी है।
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