
#इसरीबाजार #MahavirJayanti2025 #जैनधर्म | प्रभात फेरी, रथ यात्रा और भक्ति से गूंजा सम्मेद शिखर की तलहटी का नगर
- भगवान महावीर स्वामी का जन्म कल्याणक धूमधाम से मनाया गया
- विद्यालय और महिला आश्रम से निकलीं प्रभात फेरी व शोभायात्रा
- तेज बारिश के बावजूद भक्तों का उत्साह बना रहा
- मंदिर में पूजन, अभिषेक और शांति धारा के बाद वात्सल्य भोज
- सामूहिक आरती और भजन संध्या से समापन
प्रभात फेरी से शुरू हुई जन्म कल्याणक की भक्ति यात्रा
जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के जन्म कल्याणक महोत्सव को ईसरी बाजार में श्रद्धा व भक्ति के साथ मनाया गया। पर्व की शुरुआत पारसनाथ दिगंबर जैन मध्य विद्यालय द्वारा निकाली गई प्रभात फेरी से हुई, जिसका नेतृत्व प्रधानाध्यापक सुनील कुमार जैन ने किया। इस फेरी में सैकड़ों छात्र-छात्राएं एवं शिक्षक उत्साहपूर्वक शामिल हुए।
रथ यात्रा ने बढ़ाया भक्तिमय उत्साह
इसके बाद उदासीन महिला आश्रम से गाजे-बाजे के साथ भगवान महावीर की शोभा यात्रा निकाली गई। रथ में विराजमान भगवान की झांकी ने लोगों को भाव-विभोर कर दिया। यह यात्रा ईसरी बाजार के मुख्य मार्गों से होकर वापस आश्रम लौटी।
“तेज बारिश के बावजूद भगवान के जयकारों से पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो गया,”
– एक श्रद्धालु जैन समाज सदस्य
भक्त रथ को अपने हाथों से खींचते हुए अपार श्रद्धा का परिचय दे रहे थे।
पूजन, अभिषेक और शांति धारा ने रचा पुण्य अवसर
रथ यात्रा के पश्चात मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना, भगवान महावीर का अभिषेक और शांति धारा की गई। इस अवसर पर सात्विक जैन, पुत्र सिद्धार्थ बासल, ने आठ वर्ष की आयु पूर्ण होने पर पहली बार भगवान का अभिषेक कर इस क्षण को जीवन का सौभाग्य बताया।
“भगवान के चरणों में सेवा कर स्वयं को धन्य महसूस कर रहा हूँ,”
– सात्विक जैन, भक्त बालक
वात्सल्य भोज और भजन आरती से हुआ समापन
पूजन उपरांत सभी श्रद्धालुओं के लिए वात्सल्य भोज का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। संध्या काल में सामूहिक आरती और भजन संध्या ने वातावरण को भक्तिरस से सराबोर कर दिया।
समाज के गणमान्य श्रद्धालुओं की रही भागीदारी
इस आयोजन में जैन समाज के प्रमुख सदस्यों की उपस्थिति रही, जिनमें शामिल हैं:
अशोक कुमार जैन, प्रदीप जैन, प्रिंस जिनेश जैन,
सुनील कुमार जैन, मीना जैन, अनुभा वासल,
आयुषी जैन, नीता जैन, रश्मि जैन आदि।





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धर्म और संस्कृति की शक्ति वहीं दिखती है, जहाँ बारिश भी आस्था को रोक नहीं पाती। इसरी बाजार का यह आयोजन हमें याद दिलाता है कि परंपरा और भक्ति का संगम समाज की आत्मा है। ‘न्यूज़ देखो’ ऐसे आयोजनों को सलाम करता है और पाठकों से अनुरोध करता है कि वे अपनी जड़ों से जुड़े रहें, और अपडेट्स के लिए हमारे साथ बने रहें।