
#ईसरी – आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के चरण कमलों का नगर भ्रमण:
- डोंगरगढ़ (छत्तीसगढ़) से ईसरी बाजार लाए गए आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के चरण चिन्ह।
- पारसनाथ स्टेशन पर जैन समाज के श्रद्धालुओं ने भव्य स्वागत किया।
- शोभायात्रा में स्त्री-पुरुष व बच्चों ने मस्तक पर चरण कमल रखकर नगर भ्रमण किया।
- “जयकारा गुरुदेव का, जय जय गुरुदेव” के नारों से गूंज उठा वातावरण।
- शोभायात्रा के बाद उदासीन आश्रम में चरण कमलों की स्थापना हुई।
- विद्यासागर महाराज ने ईसरी में किया था चातुर्मास, समाधि डोंगरगढ़ में हुई थी।
आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के चरण चिन्ह पहुँचे ईसरी
राष्ट्र संत आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के धातु निर्मित चरण कमल डोंगरगढ़ (छत्तीसगढ़) से ईसरी बाजार लाए गए। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने भव्य शोभायात्रा निकाली, जिसमें जैन समाज के स्त्री-पुरुष और बच्चे शामिल हुए।
पारसनाथ दिगंबर जैन मध्य विद्यालय, ईसरी बाजार के प्रधानाध्यापक सुनील कुमार जैन ने बताया कि पंकज भैया चरण कमल को लेकर ट्रेन द्वारा पारसनाथ पहुँचे। स्टेशन पर जैन समाज के श्रद्धालुओं ने उनका आत्मीय स्वागत किया।
भव्य शोभायात्रा और नगर भ्रमण
पारसनाथ स्टेशन से आचार्य श्री के चरण चिन्ह मस्तक पर रखकर शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालु गुरु के चरण कमलों का सम्मान करते हुए भक्ति भाव से लीन नजर आए।
इस यात्रा में जैन समाज के प्रमुख सदस्य शामिल हुए, जिनमें अशोक कुमार जैन (अधिवक्ता), सुनील कुमार जैन, मयंक जिनेश जैन, राजेश जैन, डॉ. विवेक जैन, मीना जैन, अनिता जैन, रंजना जैन, सरिता जैन, बबिता जैन आदि मौजूद रहे।
नगर भ्रमण के बाद शोभायात्रा उदासीन आश्रम में सम्पन्न हुई। यात्रा के दौरान श्रद्धालु “जयकारा गुरुदेव का, जय जय गुरुदेव” के नारों के साथ भक्ति में डूबे नजर आए।
भक्ति में सराबोर श्रद्धालु, वातावरण भक्तिमय
शोभायात्रा के दौरान बैंड-बाजे की धुन पर श्रद्धालु उत्साहपूर्वक थिरकते नजर आए। पूरे नगर में एक भक्तिमय माहौल छा गया था। हर कोई स्वयं को धन्य महसूस कर रहा था और आचार्य श्री के चरण चिन्हों के दर्शन को सौभाग्य मान रहा था।
आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज: एक प्रेरणादायक संत
आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने अपने जीवनकाल में पूरे देश में कई स्थानों पर चातुर्मास किए थे, जिन स्थानों पर उन्होंने प्रवास किया था, वहाँ उनके चरण चिन्हों की स्थापना की जा रही है।
ईसरी बाजार में भी उन्होंने चातुर्मास किया था, इसलिए यहाँ भी उनके चरण चिन्ह स्थापित किए गए। वे अपने उपदेशों में कहते थे—
“आप दूसरों के साथ वैसा ही व्यवहार करें, जैसा व्यवहार आप अपने लिए चाहते हैं।”
आचार्य श्री जैन समाज ही नहीं, बल्कि जैनेत्तर समाज में भी अत्यंत लोकप्रिय थे। उनकी शिक्षाएँ आज भी लोगों को सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती हैं।


न्यूज़ देखो – हर धार्मिक आयोजन की सटीक खबर
ईसरी बाजार में आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के चरण चिन्हों की स्थापना श्रद्धालुओं के लिए एक अनमोल क्षण बन गया। न्यूज़ देखो आपको ऐसे ही धार्मिक आयोजनों की हर अपडेट देता रहेगा। हर ख़बर पर रहेगी हमारी नजर।
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