- 70वें जीवन बीमा व्यवसाय राष्ट्रीयकरण दिवस पर गिरिडीह में आयोजित प्रेसवार्ता।
- एलआईसी ने 2023-24 में 53 लाख करोड़ रुपये की परिसंपत्तियां दर्ज कीं।
- अब तक 31,000 करोड़ रुपये का लाभांश केंद्र सरकार को दिया।
- आधारभूत संरचना के विकास में 51 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश।
गिरिडीह: 70वें जीवन बीमा व्यवसाय राष्ट्रीयकरण दिवस के अवसर पर मंगलवार को गिरिडीह जिले में बीमा कर्मचारी संघ हजारीबाग मंडल की शाखा द्वारा एक प्रेसवार्ता आयोजित की गई। यह कार्यक्रम एलआईसी कार्यालय में संपन्न हुआ।
एलआईसी का ऐतिहासिक योगदान
संघ के मंडलीय संयुक्त सचिव धर्म प्रकाश ने बताया कि 1 सितंबर 1956 को 250 से अधिक देसी-विदेशी बीमा कंपनियों का राष्ट्रीयकरण कर भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की स्थापना की गई। स्थापना के बाद से ही एलआईसी ने राष्ट्र के आधारभूत संरचना के विकास में अभूतपूर्व योगदान दिया है।
प्रमुख आंकड़े
- 31 मार्च 2024 तक एलआईसी ने 51 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया।
- 2023-24 में कुल परिसंपत्तियां 53 लाख करोड़ रुपये दर्ज की गईं।
- केंद्र सरकार को अब तक 31,000 करोड़ रुपये का लाभांश दिया।
- राष्ट्रीय राजकोष में हर वर्ष 10,000 करोड़ रुपये का आयकर और जीएसटी का योगदान।
- सरकारी योजनाओं और परियोजनाओं में 3,43,800 करोड़ रुपये का निवेश।
वैश्विक स्तर पर एलआईसी का दबदबा
धर्म प्रकाश ने बताया कि एलआईसी विश्व में 99 प्रतिशत दावों का निपटारा करने वाली अग्रणी संस्था है। 23 कंपनियों के साथ 24 वर्षों से अधिक की प्रतिस्पर्धा के बावजूद एलआईसी की बाजार हिस्सेदारी लगभग 70 प्रतिशत है।
प्रेसवार्ता में मौजूद अधिकारी
इस अवसर पर मंडलीय संयुक्त सचिव धर्म प्रकाश, अध्यक्ष संजय शर्मा, मंडलीय सहायक सचिव अनुराग मुर्मू, संयुक्त सचिव विजय कुमार, और उपाध्यक्ष डेनियल मरांडी उपस्थित रहे।
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