#पलामू #आकाशीयबिजली : मुसीखाप में कर्बला के पास बैठे बुजुर्ग झुलसे
- मुसीखाप गांव में शुक्रवार को आकाशीय बिजली गिरी।
- 65 वर्षीय महजिद मियां गंभीर रूप से झुलसे।
- घटना के समय बुजुर्ग पेड़ के नीचे बैठे थे।
- ग्रामीणों की मदद से अस्पताल ले जाया गया।
- हालत बेहद नाजुक, रिपोर्ट का इंतजार।
पलामू जिले के पांडू प्रखंड के ग्राम मुसीखाप में शुक्रवार को तेज बारिश के बीच एक बुजुर्ग आकाशीय बिजली की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना उस समय हुई जब बुजुर्ग अपने घर के पास कर्बला के नजदीक पेड़ के नीचे बैठे थे। ग्रामीणों की तत्परता से उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन खबर लिखे जाने तक उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।
हादसा कैसे हुआ
शुक्रवार को दोपहर के समय पांडू प्रखंड में अचानक मौसम बदल गया। तेज गर्जना और बादलों की गड़गड़ाहट के बीच आकाशीय बिजली गिरी। इस दौरान महजिद मियां (उम्र 65 वर्ष) अपने घर के पास स्थित कर्बला के पास पेड़ के नीचे बैठे थे। तेज आवाज के साथ बिजली सीधे उस पेड़ पर गिरी और उसकी चपेट में आने से महजिद मियां गंभीर रूप से झुलस गए।
परिजनों ने दिखाया साहस
घटना के तुरंत बाद महजिद मियां के परिजनों और ग्रामीणों ने मिलकर उन्हें पांडू सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार शुरू किया, लेकिन उनकी स्थिति चिंताजनक बताई जा रही है। खबर लिखे जाने तक डॉक्टरी रिपोर्ट सामने नहीं आई थी।
ग्रामीणों का बयान
गांव के लोगों का कहना है कि हर साल बारिश के दौरान ऐसी घटनाएं होती रहती हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है: “गांव में हर मानसून बिजली गिरने की घटनाएं होती हैं। प्रशासन को चेतावनी और सुरक्षा के उपायों पर ध्यान देना चाहिए।”
क्यों बढ़ रहा है खतरा
पिछले कुछ वर्षों में पलामू और आसपास के इलाकों में बिजली गिरने की घटनाओं में इजाफा हुआ है। विशेषज्ञों के अनुसार, जलवायु परिवर्तन और अस्थिर मौसम पैटर्न इसकी बड़ी वजह है। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली गिरने से हर साल सैकड़ों जानें जाती हैं, फिर भी सावधानी और बचाव के उपायों की जानकारी का अभाव है।
बचाव के उपाय जरूरी
बारिश के दौरान पेड़ या खुले मैदान में खड़ा होना बेहद खतरनाक है। प्रशासन को लाइटनिंग प्रोटेक्शन सिस्टम लगाने, जागरूकता अभियान चलाने और लोगों को सुरक्षित रहने के उपाय बताने की जरूरत है।
न्यूज़ देखो: प्रकृति का कहर और तैयारी की कमी
यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि प्राकृतिक आपदाओं के सामने हमारी तैयारी नाकाफी है। ग्रामीण इलाकों में जागरूकता की कमी और सुरक्षा संसाधनों की अनुपलब्धता स्थिति को और गंभीर बनाती है। ऐसे हादसों से बचने के लिए प्रशासन और जनता दोनों को मिलकर कदम उठाने होंगे। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सतर्कता ही सुरक्षा की कुंजी
अब समय है कि हम सब इस बदलाव में योगदान दें। बारिश के दौरान सुरक्षित स्थानों पर रहें और अपने परिवार व दोस्तों को भी सतर्क करें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि जागरूकता फैले।