Latehar

महुआडांड़ में बिजली संकट चरम पर: दो घंटे की रोशनी, बाइस घंटे की अंधियारी

Join News देखो WhatsApp Channel
#महुआडांड़ #बिजली_संकट — राम भरोसे चल रही बिजली व्यवस्था, बच्चों की पढ़ाई बाधित, मोबाइल चार्ज करने बाजार भटक रहे ग्रामीण
  • 24 घंटे में सिर्फ 2-3 घंटे बिजली, शेष समय अंधेरे में बीत रहा
  • बिजली विभाग के अधिकारी फोन नहीं उठा रहे, कर्मचारी नदारद
  • बच्चे मोबाइल चार्ज करने बाजार में भटक रहे, पढ़ाई हो रही प्रभावित
  • सरकारी मेहमान और पर्यटक भी बिजली-पानी की किल्लत से परेशान
  • स्थानीय नागरिकों ने चेताया: जल्द सुधार नहीं हुआ तो होगा प्रदर्शन

दो घंटे बिजली, बाइस घंटे अंधकार

महुआडांड़ अनुमंडल (लातेहार) में बिजली व्यवस्था पूरी तरह राम भरोसे चल रही है। पिछले एक सप्ताह से हर दिन मात्र 2-3 घंटे बिजली आ रही है और 21-22 घंटे अंधकार छाया रहता है। रात 11 बजे या 2 बजे बिजली आती है, लेकिन सुबह होते ही कट जाती है, जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।

ग्रामीणों ने बताया कि बिजली कटौती का असर स्कूली बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ रहा है, क्योंकि उन्हें मोबाइल चार्ज करने के लिए बाजार जाना पड़ रहा है। ना तो घर में चार्जिंग हो पा रही है, और ना ही ऑनलाइन पढ़ाई संभव हो रही है।

जवाब से ज़्यादा सवाल बिजली विभाग पर

स्थानीय उपभोक्ताओं का कहना है कि जब बिजली विभाग के अधिकारियों को फोन किया जाता है, तो कोई कॉल रिसीव नहीं करता। न ही कोई कर्मचारी मैदान में दिखता है। जब स्थानीय बिजली मिस्त्रियों से स्थिति पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने टालते हुए कहा:

बिजली मिस्त्री ने कहा: “लाइन आगे से खराब है, जैसे ही मुख्य सबस्टेशन से बिजली आएगी, हम सप्लाई चालू कर देंगे।”

लेकिन यह जवाब न तो लोगों की समस्याओं का समाधान करता है, और न ही उनकी नाराज़गी को शांत करता है।

पर्यटक और सरकारी मेहमान भी हो रहे शर्मिंदा

महुआडांड़ स्थित जिला परिषद डाकबंगला में ठहरने वाले पर्यटक और सरकारी अधिकारी भी बिजली और पानी की समस्या से परेशान हैं। बिजली नहीं होने से मोटर नहीं चल पा रहा, जिससे नहाने-शौच जैसे जरूरी काम भी मुश्किल हो गए हैं। यह हालात पर्यटन को भी प्रभावित कर रहे हैं और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर रहे हैं।

आंदोलन की चेतावनी

नाराज उपभोक्ताओं ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द बिजली व्यवस्था दुरुस्त नहीं हुई, तो बिजली विभाग कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया जाएगा। उनका कहना है कि:

एक स्थानीय नागरिक ने कहा: “झारखंड सरकार का ग्रामीण विकास का नारा महुआडांड़ में सिर्फ पोस्टर तक सीमित है। हकीकत में सिर्फ अंधेरा है और उपेक्षा है।”

न्यूज़ देखो: अंधेरे में डूबे विकास के वादे

महुआडांड़ का बिजली संकट सिर्फ तकनीकी नहीं, बल्कि प्रशासनिक असंवेदनशीलता का जीवंत उदाहरण है। जब लोग पढ़ाई, रोज़गार और जीवन की मूलभूत जरूरतों के लिए संघर्ष करें और सिस्टम चुप रहे, तो सवाल पूछना ज़रूरी हो जाता है।
न्यूज़ देखो हमेशा से स्थानीय समस्याओं की आवाज़ बना है, और इस बार भी हम जनता के साथ हैं — जवाबदेही और समाधान की मांग के लिए।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

जब आम लोगों की बुनियादी ज़रूरतों की उपेक्षा होती है, तो ज़िम्मेदारी निभाना हर नागरिक का कर्तव्य बनता है। आप भी इस खबर को शेयर करें, कमेंट करें और बिजली संकट पर अपनी राय दें — ताकि आवाज़ बुलंद हो और बदलाव मुमकिन बने।

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 5 / 5. कुल वोट: 2

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

IMG-20250723-WA0070
IMG-20250925-WA0154
1000264265
IMG-20250610-WA0011
IMG-20250604-WA0023 (1)
IMG-20251017-WA0018
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें


Related News

Back to top button
error: