
#महुआडांड़ #बिजली_कटौती – शिक्षा में बाधा डाल रही अनियमित बिजली आपूर्ति, छात्र बोले – “ढिबरी की रोशनी में नहीं बन सकते डॉक्टर या इंजीनियर”
- महुआडांड़ अनुमंडल में बिजली कटौती से छात्र-छात्राएं हो रहे हैं प्रभावित
- बिना शेड्यूल के बार-बार बिजली गायब, पढ़ाई का समय हो रहा बर्बाद
- रात भर बिजली गुल, ढिबरी से करनी पड़ रही पढ़ाई
- स्थानीय सांसद व विधायक से की गई आपूर्ति दुरुस्त करने की मांग
- कम वोल्टेज की समस्या ने और बढ़ाई परेशानी
पढ़ाई की राह में सबसे बड़ी बाधा बनी बिजली
लातेहार जिले के महुआडांड़ अनुमंडल मुख्यालय में बिजली आपूर्ति की स्थिति बेहद चिंताजनक हो गई है।
बिना किसी निश्चित शेड्यूल के लगातार हो रही बिजली कटौती से छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है।
सुबह और शाम जैसे महत्वपूर्ण अध्ययन के समय बिजली का रहना लगभग दुर्लभ हो गया है।
ढिबरी की रोशनी में ‘भविष्य’ तलाशते बच्चे
ग्रामीणों ने बताया कि छात्रों को ढिबरी और टॉर्च की रोशनी में पढ़ाई करनी पड़ रही है।
बच्चों का कहना है कि,
“बिजली रात में कब आती है पता नहीं चलता, और सुबह उठने से पहले ही फिर गायब हो जाती है। आखिर हम ऐसे कैसे पढ़ पाएंगे?”
रातभर की कटौती और दिन में कमजोर वोल्टेज से क्षेत्र के विद्यार्थी डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक बनने का सपना अधूरा मानने लगे हैं।
एक-दो घंटे की बिजली भी नहीं दे रही राहत
कई बार तो पूरे दिन और रात बिजली गायब रहती है।
अगर किसी दिन एक-दो घंटे के लिए बिजली आती भी है तो वोल्टेज इतना कम होता है कि पंखा तक नहीं चलता, और लाइट की रोशनी किताबों तक नहीं पहुंचती।
बिजली विभाग की ओर से न कोई सूचना दी जाती है, न कोई समाधान।
बढ़ते गुस्से के बीच जनप्रतिनिधियों से लगाई उम्मीद
ग्रामीणों और अभिभावकों ने स्थानीय सांसद कालीचरण सिंह और मनिका विधायक रामचंद्र सिंह से मांग की है कि वे बिजली आपूर्ति व्यवस्था को दुरुस्त कराने के लिए पहल करें।
लोगों का कहना है कि अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की चुप्पी से गांवों में पढ़ने वाले बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
एक अभिभावक ने कहा,
“सरकार स्मार्ट क्लास और डिजिटल इंडिया की बात करती है, लेकिन यहां तो अभी भी दीया-बाती का दौर चल रहा है। हमारे बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है।”
न्यूज़ देखो : शिक्षा की राह में अंधेरा नहीं, उजाला लाने का संकल्प
‘न्यूज़ देखो’ आप तक पहुंचा रहा है वह आवाज़ जिसे अक्सर अनसुना कर दिया जाता है।
महुआडांड़ में छात्र-छात्राओं की पढ़ाई जिस तरह से अंधेरे में डूबी हुई है, वह न सिर्फ सरकार की नाकामी दिखाता है, बल्कि एक पूरी पीढ़ी के भविष्य पर सवाल खड़ा करता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
शिक्षा के बिना विकास अधूरा है, और शिक्षा के लिए बिजली सबसे बुनियादी जरूरत। आइए, अपनी आवाज़ बुलंद करें ताकि हर गांव में उजियारा हो – ‘न्यूज़ देखो’ हर संघर्ष में आपके साथ।