
#सिमडेगा : जंगली हाथी से हुई मौत के बाद वन विभाग ने मृतक के परिजन को आर्थिक सहायता प्रदान की
- रामजोल तेलेदा निवासी मसीह दास बारला की 17 जून 2025 को जंगली हाथी के हमले में मौत।
- मृतक के भाई रेन्दा बारला को वन विभाग ने मुआवजा राशि का चेक सौंपा।
- चेक का वितरण जिला परिषद सदस्य बीरजो कंडुलना के हाथों किया गया।
- अधिकारियों ने कहा—“राशि से परिवार भरण-पोषण हेतु रोजगार या आवश्यक कार्य शुरू कर सकता है।”।
- रेंजर अभय कुमार ने ग्रामीणों से अपील की—जंगली हाथी दिखे तो सुरक्षित दूरी बनाए रखें।
शनिवार को वन परिसर बानो में एक संवेदनशील कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें वन विभाग ने जंगली हाथी के हमले में मारे गए मसीह दास बारला के परिजनों को मुआवजा राशि प्रदान की। 17 जून 2025 को हाथी के हमले में मसीह दास बारला की मौत हो गई थी। घटना ने पूरे इलाके को हिला दिया था, और परिवार अब भी शोक में डूबा हुआ है।
जंगली हाथी के हमले में मौत, परिवार को सौंपी गई सहायता राशि
मृतक के भाई रेन्दा बारला को मुआवज़े की यह राशि जिला परिषद बीरजो कंडुलना द्वारा चेक के रूप में सौंपी गई। चेक सौंपते हुए कंडुलना ने परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और कहा कि किसी व्यक्ति के जीवन की भरपाई संभव नहीं, परंतु यह राशि परिवार की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने में मदद कर सकती है। उन्होंने परिवार को सलाह दी कि वे इस राशि का उपयोग रोजगार शुरू करने या जीवन-निर्वाह की आवश्यक जरूरतों को पूरा करने में करें।
वन विभाग की ओर से सुरक्षा संबंधी अपील
कार्यक्रम के दौरान रेंजर अभय कुमार ने ग्रामीणों को जंगली हाथियों की गतिविधियों को लेकर सावधानी बरतने की कड़ी हिदायत दी। उन्होंने कहा कि यदि किसी क्षेत्र के आसपास हाथियों की मौजूदगी की सूचना मिले, तो ग्रामीण तत्काल सुरक्षित स्थान पर चले जाएं और वन विभाग को सूचना दें। उन्होंने बताया कि मानव–वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए विभाग लगातार जागरूकता अभियान चला रहा है।
कार्यक्रम में कई लोग रहे उपस्थित
चेक वितरण कार्यक्रम में गेलेडसन टेटे, दीपनारायण सिंह, मनीष डुंगडुंग, बहुरन सिंह, सुरेश टेटे सहित कई स्थानीय लोग मौजूद थे। उन्होंने भी पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाया और वन विभाग द्वारा की गई इस पहल की सराहना की।
न्यूज़ देखो: मानव–वन्यजीव संघर्ष रोकना बड़ी चुनौती
बानो और आसपास के इलाकों में जंगली हाथियों की बढ़ती आवाजाही लगातार चिंता का विषय बनी हुई है। ऐसी घटनाएँ इस बात की याद दिलाती हैं कि ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वन विभाग, प्रशासन और स्थानीय समुदाय के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जागरूक रहें, सुरक्षित रहें—जान है तो जहान है
ग्रामीण क्षेत्रों में हाथियों के मूवमेंट की सूचना मिलते ही सतर्क रहें, वन विभाग को तुरंत जानकारी दें और बच्चों व बुजुर्गों को सुरक्षित स्थान पर ले जाएँ। इस खबर को शेयर करें और कमेंट में बताएं—क्या आपके इलाके में भी हाथियों की आवाजाही बढ़ गई है?





