Garhwa

डंडई में कथावाचक शास्त्री रविता यादव को भावभीनी विदाई नवरात्र कथा के बाद सम्मान समारोह सम्पन्न

Join News देखो WhatsApp Channel
#गढ़वा #नवरात्र_समापन : डंडई दुर्गा पूजा समिति और विजेता क्लब ने शास्त्री रविता यादव का अंगवस्त्र व उपहार देकर किया सम्मान
  • नवरात्र कथा के 9 दिनों तक शास्त्री रविता यादव ने रामायण पर प्रवचन दिया।
  • देशभक्ति और सामाजिक परिवर्तन पर आधारित गीत और उपदेश से श्रोताओं को किया मंत्रमुग्ध।
  • डंडई दुर्गा पूजा समिति ने अंग वस्त्र और पुष्प गुच्छ देकर किया सम्मान।
  • विजेता क्लब ने भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा भेंट कर विदाई दी।
  • समारोह ने श्रद्धा और भक्ति के माहौल में नवरात्र महोत्सव का समापन किया।

गढ़वा जिले के डंडई प्रखंड में इस बार नवरात्र महोत्सव का समापन एक विशेष अवसर लेकर आया। सुप्रसिद्ध कथावाचक और राष्ट्रीय प्रवक्ता शास्त्री रविता यादव जी ने लगातार नौ दिनों तक रामायण कथा सुनाकर श्रद्धालुओं को भावविभोर किया। कथा के समापन पर डंडई दुर्गा पूजा समिति एवं विजेता क्लब की ओर से उनका सम्मानपूर्वक विदाई समारोह आयोजित किया गया।

नवरात्र कथा का प्रेरणादायी संदेश

शास्त्री रविता यादव जी के प्रवचनों ने डंडई के लोगों के दिलों में अमिट छाप छोड़ी। उन्होंने अपने प्रवचनों में श्रीराम के आदर्शों, देशभक्ति, और सामाजिक परिवर्तन के महत्व को उजागर किया।

शास्त्री रविता यादव ने कथा के दौरान कहा: “श्रीराम के जीवन का सार यह है कि सत्य और धर्म के मार्ग पर चलना ही जीवन की सबसे बड़ी विजय है।”

उनकी अमृतवाणी और श्रीराम के चरित्र से जुड़े उपदेशों ने श्रद्धालुओं को न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा दी, बल्कि जीवन में अनुशासन और भक्ति की प्रेरणा भी प्रदान की।

सम्मान समारोह में उमड़ा स्नेह

कथा समापन पर आयोजित विदाई समारोह में डंडई दुर्गा पूजा समिति के पदाधिकारियों ने अंगवस्त्र और पुष्प गुच्छ भेंट कर अपनी कृतज्ञता व्यक्त की। वहीं, विजेता क्लब ने भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा देकर उन्हें दोहरे सम्मान से नवाजा।

इस अवसर पर स्थानीय श्रद्धालुओं और आयोजन समिति के सदस्यों ने कहा कि शास्त्री जी के प्रवचन ने नवरात्र महोत्सव को और भी गरिमामय और सार्थक बना दिया।

समाज में जगाई आध्यात्मिक चेतना

शास्त्री रविता यादव जी के प्रवचनों ने न सिर्फ धार्मिक माहौल को समृद्ध किया, बल्कि समाज में आध्यात्मिक चेतना और नैतिक मूल्यों को भी पुनर्जीवित किया। उनके शब्दों ने खासतौर पर युवाओं को प्रेरित किया कि वे श्रीराम के आदर्शों और गांधीवादी विचारों को अपने जीवन में उतारें।

न्यूज़ देखो: नवरात्र कथा का सामाजिक संदेश

यह आयोजन सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक रहा। शास्त्री रविता यादव जी के प्रवचनों ने यह साबित किया कि आज भी आध्यात्मिक संदेश समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। डंडई जैसे छोटे कस्बे में भी भक्ति और सामाजिक जागरूकता का संगम दिखा, जो प्रशंसनीय है।

हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

आस्था से समाज में बदलाव की ओर

डंडई का यह नवरात्र महोत्सव दिखाता है कि भक्ति और अध्यात्म समाज को जोड़ने का माध्यम बन सकते हैं। अब समय है कि हम सभी शास्त्री रविता यादव जैसे प्रवचकों के संदेशों को अपने जीवन में उतारें और समाज में सद्भाव, प्रेम और सेवा भाव को मजबूत करें। आइए, अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को दोस्तों और परिवार तक शेयर करें और सकारात्मक बदलाव की इस यात्रा का हिस्सा बनें।

📥 Download E-Paper

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

IMG-20250925-WA0154
IMG-20250723-WA0070
1000264265
IMG-20250604-WA0023 (1)
Engineer & Doctor Academy
Radhika Netralay Garhwa
IMG-20250610-WA0011
20250923_002035
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें

Related News

ये खबर आपको कैसी लगी, अपनी प्रतिक्रिया दें

Back to top button
error: