
#दुमका #रोजगार : उपायुक्त अभिजीत सिन्हा की अध्यक्षता में हुई विभागीय समीक्षा बैठक, आईटीआई छात्रों के भविष्य को लेकर बनी ठोस रणनीति
- दुमका उपायुक्त अभिजीत सिन्हा की अध्यक्षता में श्रम, नियोजन एवं आईटीआई विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित हुई।
- आईटीआई कॉलेजों में छात्रों के प्लेसमेंट पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया।
- ट्रेनिंग सेंटरों का नियमित निरीक्षण कर कमियों की रिपोर्ट तत्काल देने को कहा गया।
- संगठित मजदूरों के पंजीकरण के लिए सभी प्रखंडों में विशेष कैंप लगाने का निर्देश।
- युवाओं के लिए कैरियर काउंसलिंग सत्र और मास्टर ट्रेनर तैयार करने की योजना पर जोर।
दुमका जिला प्रशासन ने अब युवाओं के रोजगार और कौशल विकास पर फोकस तेज कर दिया है। सोमवार को उपायुक्त अभिजीत सिन्हा की अध्यक्षता में हुई बैठक में श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के साथ-साथ विभिन्न आईटीआई संस्थानों की कार्यप्रणाली की विस्तार से समीक्षा की गई। उपायुक्त ने साफ कहा कि अब केवल प्रशिक्षण देना पर्याप्त नहीं, बल्कि युवाओं को उद्योगों में स्थायी रोजगार उपलब्ध कराना प्रशासन की प्राथमिकता है।
प्रशिक्षण केंद्रों के नियमित निरीक्षण का निर्देश
बैठक में उपायुक्त ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिले के प्रत्येक ट्रेनिंग सेंटर का नियमित रूप से निरीक्षण किया जाए। यदि कहीं कोई कमी या अनियमितता पाई जाती है, तो उसकी तुरंत रिपोर्ट तैयार कर उपायुक्त कार्यालय में प्रस्तुत की जाए। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण की गुणवत्ता से समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उपायुक्त अभिजीत सिन्हा ने कहा: “आईटीआई कॉलेज केवल प्रमाणपत्र देने का माध्यम नहीं, बल्कि युवाओं को रोजगार दिलाने की दिशा में मजबूत संस्था साबित होनी चाहिए।”
संगठित मजदूरों के पंजीकरण पर जोर
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि सभी प्रखंडों में संगठित मजदूरों के पंजीकरण के लिए विशेष शिविर लगाए जाएंगे। इन शिविरों में मजदूरों को श्रम कार्ड, बीमा योजनाओं और सरकारी लाभों की जानकारी दी जाएगी ताकि कोई भी मजदूर सरकारी योजनाओं से वंचित न रह जाए।
कैरियर काउंसलिंग और मास्टर ट्रेनर की पहल
युवाओं के लिए नियमित कैरियर काउंसलिंग सत्र आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत मास्टर ट्रेनरों की टीम तैयार की जाएगी जो युवाओं को उद्योगों की जरूरतों, नए रोजगार अवसरों और उद्यमिता के प्रशिक्षण से जोड़ेगी।
उपायुक्त ने कहा कि जिन क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग रोजगार के लिए बाहर जाते हैं, वहां विशेष प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि स्थानीय स्तर पर रोजगार की संभावनाएं बढ़ाई जा सकें।
बैठक में शामिल अधिकारी
इस समीक्षा बैठक में दुमका, शिकारीपाड़ा, सरैयाहाट और जरमुंडी आईटीआई कॉलेजों के प्राचार्य उपस्थित रहे। साथ ही श्रम विभाग के जिला अधिकारी, नियोजन पदाधिकारी, प्रशिक्षण प्रभारी और संबंधित स्टाफ भी मौजूद थे।
न्यूज़ देखो: युवाओं को हुनर से रोजगार तक की राह
दुमका प्रशासन का यह कदम युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खोलने की दिशा में सराहनीय है। उपायुक्त का फोकस अब केवल प्रशिक्षण पर नहीं, बल्कि प्रशिक्षण से प्लेसमेंट तक के ठोस परिणाम पर है। अगर सभी विभाग मिलकर इस योजना को लागू करते हैं, तो दुमका जिला झारखंड के अन्य जिलों के लिए आदर्श बन सकता है।
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