
#दुमका #कृषिविकास : उपायुक्त की अध्यक्षता में जेएसएलपीएस की बैठक, महिला उद्यमिता और ग्रामीण आजीविका पर रहा फोकस
- उपायुक्त अभिजीत सिन्हा ने स्ट्रॉबेरी, हल्दी, अदरक और दलहन की खेती को बढ़ावा देने पर जोर दिया।
- बैठक में ग्रामीण आजीविका, महिला उद्यमिता और प्रोसेसिंग यूनिट्स के सशक्तिकरण पर चर्चा हुई।
- सरैयाहाट, काठीकुंड और शिकारीपाड़ा में लंबित कार्य शीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया गया।
- सफल किसानों की केस स्टडी बनाकर अन्य किसानों को प्रेरित करने की बात कही गई।
- दीदी की दुकान और दीदी का ढाबा के विस्तार पर भी दिया गया जोर।
दुमका में सोमवार को उपायुक्त अभिजीत सिन्हा की अध्यक्षता में झारखंड राज्य आजीविका प्रोत्साहन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) की मासिक समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में ग्रामीण आजीविका मिशन की प्रगति, महिला स्व-सहायता समूहों की भूमिका और कृषक उत्पादक समूहों के सशक्तिकरण पर विस्तार से चर्चा की गई।
खेती और प्रोसेसिंग यूनिट्स को मिलेगा बढ़ावा
उपायुक्त ने कहा कि जिले में स्ट्रॉबेरी, हल्दी, अदरक और दलहन जैसी फसलों की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु और मिट्टी उपलब्ध है, इसलिए इन फसलों को बढ़ावा देकर किसानों की आय को दोगुना किया जा सकता है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रोसेसिंग यूनिट्स की स्थापना पर भी विशेष ध्यान दिया जाए ताकि किसानों को स्थानीय स्तर पर उत्पादन का मूल्य संवर्धन मिल सके।
उपायुक्त अभिजीत सिन्हा ने कहा: “हमारा लक्ष्य केवल उत्पादन बढ़ाना नहीं, बल्कि किसानों की आमदनी में स्थायी सुधार लाना है। इसके लिए आधुनिक तकनीक, मार्केट लिंकिंग और प्रोसेसिंग यूनिट्स की भूमिका अहम होगी।”
ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक भागीदारी पर बल
बैठक में महिला स्व-सहायता समूहों (SHGs) द्वारा संचालित दीदी की दुकान और दीदी का ढाबा योजनाओं की प्रगति पर भी चर्चा हुई। उपायुक्त ने निर्देश दिया कि इन योजनाओं का विस्तार न केवल शहरी क्षेत्रों में बल्कि ग्रामीण और हाइवे इलाकों तक किया जाए ताकि महिलाओं को अधिक रोजगार और आय के अवसर मिल सकें।
उन्होंने अधिकारियों को यह भी कहा कि सफल महिला उद्यमियों की कहानियों को केस स्टडी के रूप में संकलित किया जाए ताकि अन्य महिलाएं उनसे प्रेरित होकर उद्यमिता की दिशा में आगे बढ़ सकें।
लंबित कार्यों को शीघ्र पूरा करने का निर्देश
उपायुक्त ने सरैयाहाट, काठीकुंड और शिकारीपाड़ा प्रखंडों में लंबित कार्यों की समीक्षा करते हुए स्पष्ट निर्देश दिया कि सभी परियोजनाओं को तय समय सीमा के भीतर पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और हर प्रखंड स्तर पर नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी।
किसानों की प्रेरणादायक कहानियां बनेंगी उदाहरण
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि सफल किसानों की केस स्टडी तैयार कर जिले के अन्य किसानों के बीच साझा की जाए, ताकि वे भी प्रेरणा लेकर आधुनिक और लाभकारी खेती के मॉडल को अपनाएं। उपायुक्त ने कहा कि यह पहल दुमका के किसानों को आत्मनिर्भर और नवाचारी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगी।
न्यूज़ देखो: खेती और महिला सशक्तिकरण का नया मॉडल बन रहा दुमका
दुमका प्रशासन द्वारा ग्रामीण आजीविका, महिला उद्यमिता और प्रोसेसिंग यूनिट्स पर एक साथ ध्यान केंद्रित करना झारखंड के विकास मॉडल के लिए प्रेरणादायी पहल है। यदि स्ट्रॉबेरी, हल्दी और अदरक जैसी फसलों को आधुनिक तकनीक और बाजार से जोड़ा गया, तो यह क्षेत्र आर्थिक आत्मनिर्भरता का केंद्र बन सकता है।
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आत्मनिर्भर दुमका की दिशा में बढ़ता कदम
अब समय है कि किसान और महिलाएं मिलकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई दें। खेती को व्यवसाय बनाएं, स्थानीय उत्पादों को ब्रांड बनाएं और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि जागरूकता फैले।