
#रांची #आर्थिकसशक्तिकरण : SHG सदस्यों को समय पर ऋण और प्रशिक्षण उपलब्ध कराने पर हुई अहम चर्चा
- JSLPS और बैंकों की समन्वय बैठक SMMU, रांची में आयोजित हुई।
- बैठक की अध्यक्षता मुख्य परिचालन अधिकारी (COO_JSLPS) ने की।
- SHG–Bank Linkage की प्रगति और BC एजेंट नियुक्ति की समीक्षा हुई।
- RSETI प्रशिक्षण और सेटलमेंट पर विशेष चर्चा की गई।
- MIS एंट्री और पेंडिंग क्लेम के समाधान पर जोर दिया गया।
रांची: झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (JSLPS) और बैंकों की एक महत्वपूर्ण समन्वय बैठक कल SMMU, JSLPS रांची में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता मुख्य परिचालन अधिकारी (COO_JSLPS) ने की और इसमें SHG–बैंक लिंकज, RSETI प्रदर्शन और क्रेडिट प्रवाह को लेकर गहन चर्चा की गई।
SHG–Bank Linkage और BC एजेंट पर समीक्षा
बैठक में वित्तीय वर्ष 2025–26 के लिए SHG–Bank Linkage की प्रगति पर चर्चा की गई। SHG सदस्यों को बैंकिंग बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट (BC) एजेंट के रूप में नियुक्त करने की स्थिति की भी समीक्षा की गई। इसका उद्देश्य ग्रामीण स्तर पर वित्तीय सेवाओं को और मजबूत करना है।
RSETI प्रशिक्षण और सेटलमेंट पर जोर
बैठक के दौरान RSETI (Rural Self Employment Training Institutes) के प्रशिक्षण कार्यक्रमों और सेटलमेंट उपलब्धियों का मूल्यांकन किया गया। यह रेखांकित किया गया कि SHG सदस्यों को समय पर प्रशिक्षण और रोजगार से जोड़ने से ग्रामीण आजीविका में ठोस सुधार होगा।
MIS और पेंडिंग क्लेम पर चिंता
बैठक में MIS एंट्री और पेंडिंग क्लेम की स्थिति पर भी गहन विचार किया गया। यह पाया गया कि कई मामलों में विलंब हो रहा है, जिसे तुरंत हल करने की आवश्यकता है।
बेहतर क्रेडिट लिंकज पर बल
बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि बैंकों और JSLPS के बीच तालमेल को और मजबूत करना जरूरी है ताकि SHG सदस्यों को समय पर ऋण और सुविधाएं मिल सकें। अधिकारियों ने कहा कि समय पर क्रेडिट लिंकज से ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक स्थिति और अधिक सशक्त होगी।

न्यूज़ देखो: समन्वय से बढ़ेगा ग्रामीण सशक्तिकरण
यह बैठक इस बात का संकेत है कि यदि JSLPS और बैंकों का तालमेल और मजबूत हुआ तो SHG सदस्यों को वित्तीय और प्रशिक्षण संबंधी सभी लाभ समय पर मिल सकेंगे। ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती और महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह पहल एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।
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ग्रामीण विकास का नया अध्याय
SHG–Bank Linkage और RSETI प्रशिक्षण सिर्फ आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि ग्रामीण महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने की नींव है। अब समय है कि हम सभी इस प्रयास को और सहयोग दें। अपनी राय कमेंट करें और खबर को साझा करें ताकि जागरूकता फैले।