
#गढ़वा #जलजीवनमिशन : उपायुक्त ने योजनाओं की समीक्षा कर पारदर्शी और समयबद्ध कार्यान्वयन पर दिया बल
- जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की विस्तृत समीक्षा।
- अधूरे और धीमे कार्यों को शीघ्र पूरा करने का निर्देश।
- जलसहिया दीदियों से बातचीत कर सुझाव और अनुभव सुने गए।
- OWF Plus Model Village, गोवर्धन योजना और PWMV की प्रगति पर चर्चा।
- समयसीमा में काम पूरा नहीं करने वाले ठेकेदारों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी।
गढ़वा समाहरणालय सभागार में सोमवार को जिला जल एवं स्वच्छता समिति (DWSC) की बैठक आयोजित की गई। उपायुक्त-सह-अध्यक्ष दिनेश कुमार यादव की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत चल रही विभिन्न योजनाओं की गहन समीक्षा की गई। बैठक में विशेष रूप से अधूरे पड़े कार्यों और उनकी धीमी प्रगति पर चर्चा हुई।
उपायुक्त ने स्पष्ट कहा कि जिले के हर नागरिक तक स्वच्छ जल और स्वच्छ वातावरण पहुँचाना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों और ठेकेदारों को निर्देश दिया कि कार्य समयबद्ध, गुणवत्तापूर्ण और पारदर्शी तरीके से पूरे किए जाएँ।
अधूरे कामों पर चेतावनी
बैठक के दौरान उपायुक्त ने ठेकेदारों से क्रमवार प्रगति रिपोर्ट ली। जिन कार्यों की स्थिति अधूरी या धीमी पाई गई, उन पर कड़ी नाराजगी जताई गई। उपायुक्त ने साफ शब्दों में कहा कि यदि निर्धारित समयसीमा में कार्य पूरे नहीं हुए तो संबंधित एजेंसियों और ठेकेदारों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जलसहियाओं से सीधा संवाद
बैठक के क्रम में उपायुक्त ने जल जीवन मिशन से जुड़े जलसहिया दीदियों से मुलाकात की। उन्होंने उनके अनुभव और सुझाव सुने तथा कार्यान्वयन के दौरान आने वाली चुनौतियों को समझा। उपायुक्त ने आश्वासन दिया कि जिला प्रशासन इन समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करेगा।
स्वच्छ भारत मिशन पर विशेष ध्यान
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत शौचालयों के उपयोग और पेयजल से संबंधित मुद्दों पर भी विस्तृत चर्चा की गई। उपायुक्त ने कहा कि प्रत्येक परिवार को शौचालय और पेयजल सुविधा का सतत उपयोग सुनिश्चित कराना प्रशासन की जिम्मेदारी है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
अन्य योजनाओं की समीक्षा
बैठक में OWF Plus Model Village योजना, गोवर्धन योजना और Plastic Waste Management Village (PWMV) की स्थिति पर भी समीक्षा की गई। उपायुक्त ने निर्देश दिया कि चयनित गाँवों को जल्द से जल्द मॉडल गाँव के रूप में विकसित किया जाए। गोवर्धन योजना के अंतर्गत जैविक अपशिष्ट प्रबंधन और ऊर्जा उत्पादन को प्राथमिकता देने की बात कही गई। वहीं प्लास्टिक अपशिष्ट के वैज्ञानिक प्रबंधन को लेकर भी स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए।

न्यूज़ देखो: पारदर्शी काम से ही होगा विकास
गढ़वा में जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन जैसी योजनाएँ ग्रामीणों की सेहत और जीवन स्तर से सीधे जुड़ी हैं। ऐसे में प्रशासन और ठेकेदारों को समयसीमा और पारदर्शिता का सख्ती से पालन करना होगा। इन योजनाओं का असर ग्रामीण जीवन में लंबे समय तक रहेगा और इसी से वास्तविक विकास का रास्ता खुलेगा।
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अब जिम्मेदारी निभाने का समय
गढ़वा की यह बैठक सिर्फ योजनाओं की समीक्षा नहीं बल्कि जिम्मेदारी का संदेश भी है। अब समय है कि अधिकारी, ठेकेदार और आमजन मिलकर इन योजनाओं को सफल बनाएं। आइए, अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि जागरूकता और जिम्मेदारी दोनों बढ़े।