
#Latehar #MahilaShakti #PanchayatiRaj : “अब महिला मुखिया ही लेंगी फैसला — न कोई पति, न कोई दबाव”
- 18 जुलाई को लातेहार नगर भवन में ‘सशक्त पंचायत नेत्री अभियान’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
- कार्यशाला का उद्घाटन उपायुक्त श्री उत्कर्ष गुप्ता व जिला अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया
- महिला मुखिया व महिला वार्ड सदस्यों को मिला नेतृत्व और सुशासन का प्रशिक्षण
- उपायुक्त ने कहा — “महिला प्रतिनिधि के कामकाज में पति या रिश्तेदार का दखल नहीं चलेगा”
- कार्यशाला में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बड़ी संख्या में पंचायत प्रतिनिधि महिलाएं हुईं शामिल
महिला नेतृत्व को मजबूत करने की पहल
लातेहार नगर भवन में आयोजित ‘सशक्त पंचायत नेत्री अभियान’ की एक दिवसीय उद्घाटन कार्यशाला में महिला मुखिया और महिला वार्ड सदस्यों को स्थानीय शासन और नेतृत्व कौशल से जुड़ा प्रशिक्षण दिया गया।
इस मौके पर उपायुक्त श्री उत्कर्ष गुप्ता, आईटीडीए निदेशक श्री प्रवीण कुमार गगराई, जिला पंचायती राज पदाधिकारी श्री श्रेयांस, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती अल्का हेंब्रम, सहित कई अधिकारी एवं जिले भर की पंचायत नेत्रियां मौजूद रहीं।
उपायुक्त श्री उत्कर्ष गुप्ता ने कहा:
“महिला मुखिया के कार्यों में पति या किसी रिश्तेदार का हस्तक्षेप लोकतंत्र के खिलाफ है। अब पंचायत स्तर पर महिलाएं खुद निर्णय लेंगी। उन्हें पूरे अधिकार और सम्मान के साथ कार्य करना होगा।”
लोकतंत्र में महिलाओं की भूमिका को मिलेगा नया आयाम
कार्यशाला का उद्देश्य था कि महिला निर्वाचित प्रतिनिधियों को सशक्त बनाकर पंचायतों में उनकी भागीदारी को प्रभावशाली बनाया जा सके।
इस अभियान के तहत स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, जल एवं स्वच्छता जैसे विषयों पर महिलाओं को स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने की शक्ति और प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
कार्यशाला में यह भी बताया गया:
“प्रशिक्षण का लक्ष्य है — महिलाओं में निर्णय क्षमता विकसित करना, लैंगिक असमानताओं को पहचानना, और सुशासन से जुड़े व्यवहारिक समाधान तलाशना।”
महिला मुखिया को मिलेगा अधिकारों का ज्ञान
कार्यशाला में विस्तार से बताया गया कि महिलाएं पंचायत प्रतिनिधि होते हुए भी कई बार अपने अधिकारों से अनभिज्ञ होती हैं, और यह प्रशिक्षण उन्हें सही दिशा, आत्मबल और कानूनी अधिकारों की जानकारी देगा।
महिलाओं को यह समझाया गया कि कैसे वे अपनी भूमिका में प्रभावशाली ढंग से आगे बढ़ सकती हैं, और विकास कार्यों को पारदर्शी तरीके से क्रियान्वित कर सकती हैं।
वरिष्ठ अधिकारियों ने साझा किए अनुभव
इस अवसर पर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता दीपक कुमार महतो, जिला परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अजय कच्छप, जिला शिक्षा अधीक्षक गौतम कुमार साहू, जिला मत्स्य पदाधिकारी स्वर्णलता मधु लकड़ा सहित कई अधिकारियों ने महिला प्रतिनिधियों को सरकारी योजनाओं की जानकारी और कार्यान्वयन की विधि पर मार्गदर्शन दिया।
श्री प्रवीण कुमार गगराई (आईटीडीए निदेशक) ने कहा:
“पंचायत में महिलाएं यदि स्वतंत्र निर्णय लें तो गांव के विकास की रफ्तार दोगुनी हो सकती है। यह प्रशिक्षण उन्हें उस दिशा में बढ़ने में मदद करेगा।”
महिला पंचायत प्रतिनिधियों में दिखा आत्मविश्वास
कार्यशाला में भाग लेने वाली अनेक महिला मुखिया और वार्ड सदस्य काफी उत्साहित और जागरूक दिखीं।
उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम उन्हें अपने अधिकारों को समझने और पंचायत कार्यों में सक्रिय भागीदारी निभाने का हौसला देगा।
एक महिला प्रतिनिधि ने कहा:
“पहले निर्णय लेने से डरते थे, लेकिन अब समझ आ गया कि यह जिम्मेदारी हमारी है, किसी और की नहीं।”
न्यूज़ देखो: महिला पंचायत नेतृत्व से बदलेगा गांवों का भविष्य
न्यूज़ देखो मानता है कि गांवों में सशक्तिकरण की असली शुरुआत पंचायतों से होती है — और जब पंचायत का नेतृत्व महिलाओं के हाथों में होगा, तो हर निर्णय में संवेदनशीलता, पारदर्शिता और समावेशिता आएगी।
‘सशक्त पंचायत नेत्री अभियान’ जैसे कार्यक्रम महिलाओं को एक सशक्त प्रतिनिधि नहीं, बल्कि एक जागरूक नीति-निर्माता के रूप में तैयार करने का काम कर रहे हैं।
अब समय है — महिलाओं को सिर्फ प्रतिनिधि नहीं, निर्णयकर्ता बनाने का
अगर आप भी किसी पंचायत में महिला प्रतिनिधि हैं या उन्हें जानते हैं, तो इस तरह के प्रशिक्षण में भाग जरूर लें।
न केवल अपनी भूमिका को समझें, बल्कि पंचायत में बदलाव की दिशा तय करें।
न्यूज़ देखो आपके साथ है, हर महिला की आवाज को नेतृत्व में बदलने के लिए।