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ईएमआरएस गर्ल्स स्पोर्ट्स मीट का हुआ भव्य समापन: खेलों से बेटियों के आत्मविश्वास को मिला नया आयाम

#दुमका #खेल : एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय काठीजोरिया में राज्यस्तरीय खेल प्रतियोगिता संपन्न, विजेता बेटियों को मिला सम्मान

दुमका जिले के एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय, काठीजोरिया में आयोजित गर्ल्स स्पोर्ट्स मीट 2025-26 का भव्य समापन हुआ। राज्यस्तरीय इस प्रतियोगिता में विभिन्न विद्यालयों से आई छात्राओं ने प्रतिभा और अनुशासन का शानदार प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता के समापन अवसर पर विद्यालय परिसर उत्साह और तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

विजेता बेटियों को मिला सम्मान

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कल्याण विभाग के डिप्टी डायरेक्टर अमित कुमार और जिला खेल पदाधिकारी तूफान पोद्दार ने विजेता छात्राओं को मेडल और पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने कहा कि खेलों से बच्चों में टीमवर्क, आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता विकसित होती है, जो जीवन की बड़ी सफलता का आधार है।

अमित कुमार ने कहा: “खेल केवल शारीरिक मजबूती नहीं देते, बल्कि मानसिक विकास और जीवन में अनुशासन का पाठ भी सिखाते हैं।”

तूफान पोद्दार ने कहा: “आज की बेटियाँ खेल के हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। हमें उन्हें प्रोत्साहन और अवसर दोनों देने होंगे।”

खेल और शिक्षा का संतुलन

कार्यक्रम में वक्ताओं ने स्पष्ट संदेश दिया कि खेल भी पढ़ाई जितना ही महत्वपूर्ण है। शिक्षा जहां बच्चों को बौद्धिक रूप से विकसित करती है, वहीं खेल उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाते हैं। दोनों का संतुलन ही जीवन में सफलता और संतोष का मार्ग है।

आयोजन की सफलता में सभी का योगदान

इस राज्यस्तरीय प्रतियोगिता को सफल बनाने में विद्यालय की प्रभारी प्राचार्या लेफ्टिनेंट सुमिता सिंह का मार्गदर्शन और प्रबंधन समिति, शिक्षक–शिक्षिकाओं तथा कर्मचारियों की मेहनत सराहनीय रही। सभी ने मिलकर आयोजन को अनुशासित, भव्य और यादगार बनाने में अपना योगदान दिया।

बेटियों की उड़ान को मिला नया मंच

इस खेल प्रतियोगिता ने साबित कर दिया कि बेटियाँ किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। उनके कौशल, हिम्मत और लगन को उचित अवसर मिलने पर वे बड़े से बड़ा मुकाम हासिल कर सकती हैं। इस प्रतियोगिता ने ग्रामीण और आदिवासी अंचलों की प्रतिभाओं को निखारने का एक सशक्त मंच उपलब्ध कराया।

न्यूज़ देखो: खेलों से संवरता भविष्य

ईएमआरएस गर्ल्स स्पोर्ट्स मीट का यह आयोजन सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि समाज को यह संदेश है कि बेटियों की प्रतिभा को पहचान और प्रोत्साहन मिलना चाहिए। शिक्षा और खेल दोनों में संतुलन बनाकर ही हम आने वाली पीढ़ी को मजबूत बना सकते हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

खेल और शिक्षा में बेटियों की बराबरी

यह आयोजन बताता है कि बेटियाँ हर क्षेत्र में समान रूप से आगे बढ़ रही हैं। अब समय है कि हम सब मिलकर बेटियों के सपनों को और ऊँचाई दें। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि और लोगों तक खेल और शिक्षा की यह प्रेरणा पहुँच सके।

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