
#गढ़वा #छठपर्व : डंडई दानरो नदी सूर्य मंदिर घाट पर अतिक्रमण को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश – प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग
- डंडई दानरो नदी छठ घाट पर दबंगों द्वारा अतिक्रमण का आरोप।
- सरकारी भूमि पर झाड़ी-बांस लगाकर कब्जा, श्रद्धालुओं की परेशानी बढ़ी।
- पिछले वर्ष भी सीमांकन के बावजूद प्रशासनिक कार्रवाई ठप रही।
- ग्रामीणों ने मुखिया, बीडीसी, उपप्रमुख के साथ मिलकर आवेदन सौंपा।
- अंचलाधिकारी जयशंकर पाठक ने जांच कर कार्रवाई का भरोसा दिया।
गढ़वा जिले के डंडई प्रखंड स्थित दानरो नदी सूर्य मंदिर छठ घाट पर अतिक्रमण का मामला इस बार छठ पर्व से ठीक पहले फिर से तूल पकड़ चुका है। यह वही घाट है जहां हर वर्ष हजारों व्रती सूर्य को अर्घ्य देने आते हैं, लेकिन इस बार घाट की सरकारी भूमि पर कुछ लोगों द्वारा अवैध कब्जा कर लिया गया है। इस वजह से व्रतियों को पूजा स्थल तक पहुंचने में गंभीर बाधा उत्पन्न हो रही है।
श्रद्धालुओं की आस्था पर संकट
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि दानरो नदी का यह घाट वर्षों से धार्मिक अनुष्ठान का केंद्र रहा है। यहां हर वर्ष छठ पर्व के दौरान भारी भीड़ उमड़ती है। लेकिन इस बार घाट के बड़े हिस्से पर अवैध कब्जा होने के कारण अर्घ्य देने की जगह और रास्ता दोनों संकुचित हो गए हैं, जिससे श्रद्धालु परेशान हैं।
रामाशीष प्रसाद ने बताया: “छठ घाट पर हर साल हजारों लोग जुटते हैं, लेकिन अतिक्रमण से जगह इतनी कम हो गई है कि छठ व्रतियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।”
प्रशासनिक कार्रवाई नाकाम साबित
ग्रामीणों का कहना है कि यह विवाद नया नहीं है। पिछले वर्ष भी इस अतिक्रमण की शिकायत अंचल कार्यालय में की गई थी। शिकायत के बाद सरकारी अमीन ने मौके पर पहुंचकर सीमांकन किया था और खूंटा गाड़कर सरकारी भूमि को चिन्हित किया था। लेकिन अतिक्रमणकारियों ने दबंगई दिखाते हुए खूंटा उखाड़ फेंका, जिससे प्रशासन की कार्रवाई का असर खत्म हो गया।
मिथिलेश कुमार ने कहा: “जब सरकारी अमीन द्वारा गाड़े गए खूंटे को ही उखाड़ दिया गया, तो इससे साफ है कि प्रशासन की सख्ती न के बराबर है।”
सामूहिक रूप से दिया गया आवेदन
इस बार छठ पर्व की नजदीकी को देखते हुए डंडई के ग्रामीण एकजुट हुए हैं। गांव के मुखिया, बीडीसी सदस्य और प्रखंड उपप्रमुख के साथ ग्रामीणों ने मिलकर अंचल अधिकारी को लिखित आवेदन सौंपा है। आवेदन में अवैध कब्जे को हटाने और छठ घाट को अतिक्रमण मुक्त करने की मांग की गई है। ग्रामीणों ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो छठ पूजा के दौरान कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है।
प्रशासन ने दी कार्रवाई की बात
अंचलाधिकारी जयशंकर पाठक ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रशासन पूरी गंभीरता से इस विषय को देख रहा है।
अंचलाधिकारी जयशंकर पाठक ने कहा: “घटनास्थल की जांच कराई जा रही है, अतिक्रमण की पुष्टि होते ही संबंधित भूमि को मुक्त कराया जाएगा।”
धार्मिक स्थल पर अतिक्रमण की पुनरावृत्ति से बढ़ी चिंता
ग्रामीणों का कहना है कि हर साल छठ पूजा से पहले अतिक्रमण का यह मुद्दा दोहराया जाता है और प्रशासनिक उदासीनता से लोगों की आस्था को ठेस पहुंचती है। यह घाट न केवल पूजा स्थल है बल्कि गांव की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक भी है। प्रशासन यदि त्वरित कार्रवाई नहीं करता, तो इस बार आस्था और व्यवस्था दोनों पर सवाल उठेंगे।
न्यूज़ देखो: आस्था बनाम अतिक्रमण का संघर्ष
डंडई दानरो नदी छठ घाट पर अतिक्रमण का यह मामला प्रशासन और समाज दोनों के लिए गंभीर चेतावनी है। जब धार्मिक स्थल पर कब्जा किया जाता है और प्रशासन निष्क्रिय रहता है, तो यह न केवल कानून व्यवस्था बल्कि जनभावनाओं पर भी आघात है। ऐसे मामलों में त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई ही जनविश्वास बनाए रख सकती है।
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आस्था की रक्षा में प्रशासन और जनता दोनों की भूमिका
आस्था के पर्व छठ में जहां सूर्योपासना का संदेश है, वहीं समाजिक अनुशासन और स्वच्छता का प्रतीक भी है। अब वक्त है कि हम सब मिलकर अपने धार्मिक स्थलों की रक्षा करें। प्रशासन को सख्ती दिखानी चाहिए और नागरिकों को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और डंडई घाट को अतिक्रमण मुक्त करने की आवाज़ बुलंद करें।




