#मेदिनीनगर #तालाब_अतिक्रमण – नगर निगम की उदासीनता से बिगड़ रही स्थिति, जनता को उपायुक्त से न्याय की आशा
- नावाटोली तालाब पर फिर सक्रिय हुए अतिक्रमणकारी, तालाब की स्थिति हुई दयनीय
- पूर्व नगर आयुक्त रहते हुए समीरा एस ने हटवाया था अतिक्रमण
- अब उपायुक्त बनकर लौटीं समीरा एस, लोगों को दोबारा उनसे न्याय की उम्मीद
- नगर निगम की निष्क्रियता बनी समस्या के पुनरावृत्ति की मुख्य वजह
- स्थायी समाधान के लिए समन्वित योजना और निगरानी की दरकार
तालाब की उपेक्षा ने फिर खड़ा किया संकट
मेदिनीनगर, पलामू — शहर के नावाटोली तालाब पर लगातार बढ़ता अतिक्रमण एक गंभीर और पुराना संकट बन चुका है। नगर निगम की निष्क्रियता और उदासीन रवैये के चलते तालाब की स्थिति फिर से बिगड़ती जा रही है। कभी यह क्षेत्र स्थानीय सौंदर्य, पर्यावरण और जल संचयन के लिए जाना जाता था, पर अब वह धीरे-धीरे कंक्रीट और अतिक्रमण का शिकार बनता जा रहा है।
जब समीरा एस ने लिया था कड़ा एक्शन
पूर्व नगर आयुक्त समीरा एस के कार्यकाल के दौरान नावाटोली तालाब से अतिक्रमण हटवाने की सख्त कार्रवाई की गई थी।
“उस समय हमें लगा था कि अब तालाब सुरक्षित रहेगा,” — स्थानीय निवासी
हालांकि, उनके तबादले के बाद वही अतिक्रमणकारी फिर से सक्रिय हो गए, और तालाब की पुरानी दयनीय स्थिति लौट आई।
फिर लौटीं समीरा एस, फिर जागी उम्मीद
अब समीरा एस पलामू की उपायुक्त बनकर लौटी हैं, जिससे स्थानीय जनता की उम्मीदें दोबारा जग गई हैं।
उनके पिछले प्रयासों और समस्या की गहराई को समझने की वजह से लोग विश्वास कर रहे हैं कि इस बार स्थायी समाधान सुनिश्चित होगा।
“डीसी मैडम फिर आई हैं, अबकी बार तालाब की रक्षा जरूर होगी,” — नावाटोली के बुजुर्ग नागरिक
नगर निगम की निष्क्रियता बनी सबसे बड़ी चुनौती
स्थानीय लोगों का आरोप है कि नगर निगम न तो समय पर निगरानी करता है और न ही कोई कार्रवाई करता है।
यदि समय रहते नगर निगम सतर्क रहता, तो अतिक्रमण दोबारा न होता। अब आवश्यक है कि डीसी और नगर निगम संयुक्त रणनीति बनाकर स्थायी समाधान की दिशा में आगे बढ़ें।
न्यूज़ देखो: एक उम्मीद, एक ज़िम्मेदारी
न्यूज़ देखो यह मानता है कि नावाटोली तालाब का संरक्षण केवल प्रशासनिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि सामूहिक सामाजिक चेतना का विषय भी है।
डीसी समीरा एस का नेतृत्व इस दिशा में एक नई शुरुआत हो सकती है।
न्यूज़ देखो पलामू के हर पर्यावरणीय मुद्दे पर पैनी नजर रखेगा —
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
वक्त की बात: तालाब बचेगा, तो शहर भी बचेगा
तालाबों की रक्षा न केवल पर्यावरण का प्रश्न है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ, सुरक्षित और सुंदर शहर देने की जिम्मेदारी भी है।
अब जनता और प्रशासन, दोनों को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि नावाटोली तालाब का भविष्य सुरक्षित हो।