#लातेहार #सरकारीभूमिसुरक्षा – हेरहंज और चंदवा में अंचलाधिकारियों ने लगाए बोर्ड, ग्रामीणों ने जताई खुशी
- लातेहार में सरकारी जमीन पर अब नहीं हो सकेगा अवैध कब्जा
- उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता के निर्देश पर शुरू हुई साइनबोर्ड लगाने की मुहिम
- हेरहंज और चंदवा अंचल क्षेत्रों में लगाए गए सरकारी चेतावनी बोर्ड
- बोर्ड पर अंकित जानकारी: रकवा, मौजा, भूमि का प्रकार और चेतावनी
- ग्रामीणों में जागरूकता बढ़ी, भू-माफियाओं पर लगेगा अंकुश
लातेहार प्रशासन की पहल से सरकारी जमीन को मिलेगी सुरक्षा
लातेहार जिले में अब सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करना आसान नहीं होगा। जिला प्रशासन ने इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए उपायुक्त श्री उत्कर्ष गुप्ता के निर्देश पर सरकारी जमीनों की पहचान कर उन पर साइनबोर्ड लगवाने की मुहिम शुरू की है।
हेरहंज और चंदवा में लगाए गए चेतावनी बोर्ड
इस पहल की शुरुआत हेरहंज और चंदवा अंचल से की गई, जहाँ अंचलाधिकारी की मौजूदगी में चिन्हित सरकारी जमीनों पर साइनबोर्ड लगाए गए। इन बोर्डों पर स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि यह सरकारी भूमि है और इसका क्रय-विक्रय गैरकानूनी है।
बोर्ड पर क्या है जानकारी?
साइनबोर्ड पर मौजा का नाम, भूमि का रकवा, प्रकार जैसी मूलभूत जानकारी दर्ज है। साथ ही चेतावनी के रूप में अंकित है कि:
“यह सरकारी भूमि है, इसका क्रय-विक्रय वर्जित है। यदि कोई व्यक्ति इसकी खरीद-बिक्री करता है या अतिक्रमण का प्रयास करता है, तो उस पर विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।”
ग्रामीणों ने की सराहना
इस पहल से स्थानीय ग्रामीणों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। लोगों का मानना है कि इससे भू-माफियाओं की मनमानी पर रोक लगेगी और सरकारी भूमि का संरक्षण हो सकेगा। साथ ही सरकारी योजनाओं के लिए भूमि उपलब्ध रह पाएगी।
न्यूज़ देखो : ज़मीन पर हक, लेकिन कानून के साथ
न्यूज़ देखो आपके लिए लाया है लातेहार की प्रशासनिक सख्ती की सच्ची तस्वीर – जहाँ सरकारी जमीन को सुरक्षित रखने के लिए नई पहल की जा रही है। ऐसी कोशिशें समाज में कानून का विश्वास और पारदर्शिता बढ़ाती हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सरकार की जमीन सुरक्षित रहे, तो विकास की नींव मजबूत होती है। लातेहार की यह पहल पूरे राज्य के लिए एक मॉडल बन सकती है – बस जरूरत है सभी के सहयोग और सतर्कता की।